महंगाई दर 13% के ऊपर भी जा सकती है

अरुण केजरीवाल, निदेशक, क्रिस

कल भारतीय बाजार में आयी कमजोरी को मोटे तौर पर एक सुधार (करेक्शन) के रूप में समझा जा सकता है, क्योंकि जब कोई बाजार 6 कारोबारी सत्रों में लगभग 42% मजबूत हो जाये, तो बाजार में आयी ऐसी बढ़त कभी टिका नहीं करती। आज के बाजार के बारे में मेरा मानना है कि कमजोर वैश्विक संकेतों के मद्देनजर बाजार कमजोर खुलेंगे, हो सकता है कि बाद में कुछ वापसी देखने को मिल जाये।

अर्थव्यवस्था में नकदी की उपलब्धता के संदर्भ में सरकार ने पिछले तीन सालों में स्थिति जितनी कस दी थी, उतना पिछले दो महीने में ही ढीला छोड़ दिया गया है, वह भी ऐसे माहौल में जब महंगाई की एक बड़ी चिंता कायम है। हाल ही में अर्थव्यवस्था में नकदी बढ़ाने के उपायों की वजह से अगले दो चार हफ्तों में फिर से महंगाई दर बढ़ने का रुझान दिखने लगेगा। इसलिए आने वाले समय में महंगाई दर 13% से कहीं आगे भी जा सकती है। आज मेरी सबसे बड़ी चिंता यही है।