कर्ज बाजार को फिर से पटरी पर लाने के लिए वित्त विभाग और फेडरल रिजर्व द्वारा 800 अरब डॉलर की योजना की घोषणा के बाद अमेरिकी निवेशकों में उत्साह नजर आया और मंगलवार के कारोबार में डॉव जोंस 36 अंकों की बढ़त दर्ज करने में कामयाब रहा। लगातार तीसरे दिन डॉव जोंस में आयी मजबूती से यह संकेत मिलता है कि पिछले कई महीनों से खराब आंकड़ों से जूझ रहे निवेशकों का आत्मविश्वास कुछ हद तक जरूर लौटा है। लेकिन यह कहना थोड़ी जल्दबाजी होगी कि अमेरिकी बाजार अपने निचले स्तर देख चुके हैं और अब फिर से मजबूती का दौर आ सकता है। इतना जरूर कहा जा सकता है कि सरकार लगातार यह प्रयास कर रही है कि उधारी का बाजार फिर से अपने सामान्य हालात की ओर लौट आये। भले ही सरकार अपने इस काम में सफल नहीं हो पा रही हो, लेकिन अमेरिकी शेयर बाजारों ने सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदमों का स्वागत किया है। वाणिज्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, साल की तीसरी तिमाही में अमेरिका के सकल घरेलू उत्पाद में 0.5% वार्षिक की गिरावट आयी। लेकिन बाजारों ने इस आंकड़े के प्रति कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दिखायी। नाइमेक्स में कच्चे तेल का भाव 3.73 डॉलर गिर कर 50.77 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। बुधवार की सुबह 8.05 बजे एशियाई बाजारों में मजबूती का रुख है, हालांकि निक्केई में 1.3% की गिरावट है। हैंग सेंग और कॉस्पी में 2.5-3.5% की बढ़त है। स्ट्रेट टाइम्स, ताइवान वेटेड, जकार्ता कंपोजिट और शंघाई कंपोजिट भी हरे निशान में हैं, लेकिन इनकी मजबूती 1% से भी कम है।
एआई बबल (AI Bubble) – यानी कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या एआई) पर केंद्रित शेयरों में बुलबुला – इस मुद्दे पर सारी दुनिया में बहस चल रही है और भारत में एआई की ज्यादा कहानियाँ नहीं होने के बाद भी भारत का इस मुद्दे से बहुत लेना-देना है।
संवत 2081 में पूरे साल बाजार थका रहा, पर बीतते-बीतते यह संवत एक नया जोश देते हुए जा रहा है। अभी हाल तक बाजार में सभी यह चर्चा कर रहे थे कि पिछली दीपावली से इस दीपावली तक तो बाजार में नुकसान ही है, या पैसे नहीं बने।