

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (FSR) दिसंबर 2012 को जारी कर दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू बचत एवं निवेश में कमी और उपभोक्ता खपत कम होना देश की अर्थव्यवस्था के लिए खतरे की घंटी है।
बढ़ती महँगाई और राजकोषीय घाटा का बढ़ना भी चिंता का विषय बना हुआ है। हालाँकि देश का वित्तीय ढाँचा फिलहाल मजबूत है। यूरोपीय कर्ज संकट और अमेरिकी में फिस्कल क्लिफ की वजह से घरेलू अर्थव्यवस्था पर जोखिम बना रहेगा।
रिपोर्ट के अनुसार ही कारोबारी साल 2011-12 में घरेलू बचत विकास दर (GDP) के 7.8% के बराबर रही, जबकि इसके पिछले कारोबारी साल में यह 9.3% रही थी।
आरबीआई का कहना है कि जून 2012 में जारी हुई एफएसआर रिपोर्ट के बाद से ही वित्तीय स्थिरता में जोखिम के लक्षण दिखने लगे थे। (शेयर मंथन, 29 दिसंबर 2012)