
उद्योग संगठन एसोचैम (ASSOCHAM) ने केंद्रीय श्रम संगठनों से उनकी दो दिवसीय हड़ताल वापस लेने की अपील की है।
एसोचैम के मुताबिक दो दिन के इस बंद से भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को 15,000 से 20,000 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान होने की संभावना है।
एसोचैम के अध्यक्ष राजकुमार धूत (Rajkumar Dhoot) का कहना है कि भारत की अर्थव्यवस्था मंदी से जूझ रही है और ऐसे में इस बंद से देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुँचेगा। इस हड़ताल से औद्योगिक उत्पादन के अलावा बैंकिंग, बीमा और परिवहन क्षेत्र प्रभावित होंगे। यहाँ तक कि कृषि क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं रहेगा।
गौरतलब है कि केंद्रीय श्रम संगठनों की इस दो दिवसीय हड़ताल से पश्चिम बंगाल, केरल, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडू, दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से बुरी तरह से प्रभावित रहेंगे। इसके अतिरिक्त बैंकिंग क्षेत्र, जिसमें विशेष रूप से चैक निकासी और बाजार के कुछ क्षेत्रों पर भी इसका असर देखने को मिलेगा।
वहीं, एयरपोर्ट और बंदरगाहों पर कार्गो संचालन पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा। (शेयर मंथन, 20 फरवरी 2013)