उद्योग मंडल फिक्की (FICCI) ने आरबीआई (RBI) की दूसरी तिमाही की मौद्रिक नीति की समीक्षा को उम्मीद के मुताबिक बताया है।
फिक्की के महासचिव डॉ ए दीदार सिंह (Dr A Didar Singh) के मुताबिक आरबीआई ने पिछली तिमाही की मौद्रिक समीक्षा की तरह ही इस बार भी दरों में समान बदलाव किया है। आरबीआई ने रेपो दर में 0.25% अंक की बढ़ोतरी और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) में 0.25% अंक की कटौती की है। आरबीआई ऐसे संकेत दे रहा है कि वह महँगाई कम करने के अपने प्रयासों को जारी रखेगा। इसी दिशा में कदम उठाते हुए आरबीआई पहले ही शेयर बाजार में स्थिरता लाने के उद्देश्य से विशेष मौद्रिक नीतिगत उपाय कर चुका है।
एजेंल ब्रोकिंग (Angel Broking) के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक दिनेश ठक्कर (Dinesh Thakkar) के मुताबिक इस पॉलिसी का सकारात्मक असर यह होगा कि इससे कम से कम छोटी अवधि की दरें लगभग 0.50% अंक से 0.75% अंक तक नीचे आ जायेंगी। इससे फिलहाल बैंकों द्वारा बढ़ायी गयी ऋण दरें कम होने की संभावना घटेगी। हालाँकि खाद्य कीमतें कम होने की वजह से बाजार की नजर आगामी महीनों में महँगाई घटने पर होगी, जिससे लगातार घटती ब्याज दरों का रुझान बनेगा और निवेश व विकास दर रिवाइव होंगे। बाजार का अन्य महत्वपूर्ण स्रोत वर्तमान में बढ़ रही निर्यात दर रहेगी। इस प्रकार यह पॉलिसी छोटी अवधि की दरों के लिए फायेदमंद होगी।