उद्योग संगठन सीआईआई (CII) प्रधानमंत्री की इस टिप्पणी से आश्वस्त है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बुरा वक्त पीछे छूट चुका है और सरकार द्वारा उठाये गये कदमों से विकास की दर में तेजी आयेगी।
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, “संसद में पारित किये गये विभिन्न अधिनियमों से सुधारों का मार्ग प्रशस्त हुआ है और इन्होंने निवेशकों के विश्वास को फिर से जगाने के लिहाज से काफी अहम भूमिका निभायी है।” सीआईआई का मानना है कि मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र की बहाली के लिए केंद्रित प्रयास करने की जरूरत है। सीआईआई ने प्रधानमंत्री के इस बयान पर सहमति व्यक्त की है कि महँगाई की ऊँची दर एक समस्या बनी हुई है।
दूसरी ओर उद्योग संगठन फिक्की (Ficci) ने भी महँगाई पर प्रधानमंत्री के बयान से सहमति जताते हुए कहा है कि आपूर्ति संबंधी बाधाओं को दूर कर खाद्य महँगाई से निबटा जा सकता है। इस समस्या के समाधान के लिए सभी राज्यों द्वारा और कम से कम यूपीए-शासित राज्यों द्वारा तुरंत एपीएमसी अधिनियम के संशोधन की जरूरत है। फिक्की के अध्यक्ष सिद्धार्थ बिड़ला ने कहा, “फिक्की ने हमेशा ही बेहतर गवर्नेंस, नीतिगत स्पष्टता और प्रभावी क्रियान्वयन की वकालत की है ताकि विकास के लक्ष्यों को हासिल किया जा सके। हम इन मोर्चों पर अधिक कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।” बिड़ला ने आगे कहा, “हम प्रधानमंत्री की इस चिंता से सहमत हैं कि अर्थव्यवस्था में रोजगार के पर्याप्त मौकों का सृजन नहीं किया जा सका है। आखिरकार (अर्थव्यवस्था के) विकास के बिना नौकरियाँ नहीं सृजित की जा सकतीं।”
उधर पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री (PHD Chamber of Commerce and Industry) के अनुसार अर्थव्यवस्था की स्थिति पर प्रधानमंत्री की टिप्पणी बताती है कि भारत विकास की सही राह पर है। संगठन के अध्यक्ष शरद जयपुरिया ने कहा, “राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिक्कतों के बावजूद पिछले नौ सालों में देश द्वारा हासिल की गयी विकास दर उत्साहजनक है।” (शेयर मंथन, 03 जनवरी 2014)