ब्रोकिंग फर्म आईसीआईसीआई डायरेक्ट (ICICI Direct) के मुताबिक जुलाई-सितंबर 2014 तिमाही में ऑयल इंडिया (Oil India) के नतीजे अनुमानों से कम रहे हैं।
इस दौरान सालाना आधार पर कंपनी की आय 23% घट कर 2,192.5 करोड़ रुपये रही है, जबकि मुनाफा 33% घट कर 608 करोड़ रुपये दर्ज हुआ। कारोबारी साल 2014-15 की दूसरी तिमाही में कंपनी का सब्सिडी बोझ 2,238 करोड़ रुपये रहा है, जो ब्रोकिंग फर्म के अनुमान के अनुकूल रहा। इस दौरान कंपनी का कच्चा तेल उत्पादन 8.79 लाख मीट्रिक टन रहा, जो ब्रोकिंग फर्म के अनुमान से कम है। वहीं शुद्ध प्राप्ति (रिलाइजेशन) अनुमान के मुताबिक 45.25 डॉलर प्रति बैरल रही।
ब्रोकिंग फर्म के मुताबिक कंपनी की एबिटा आय अनुमान से नीचे 809 करोड़ रुपये रही है, जबकि उम्मीद से कम कच्चे तेल की बिक्री की वजह से एबिटा मार्जिन 36.9% पर रहा। इस तरह कंपनी का एबिटा मार्जिन भी ब्रोकिंग फर्म के अनुमान से कम है।
आईसीआईसीआई डायरेक्ट के मुताबिक कारोबारी साल 2014-15 में कच्चे तेल का उत्पादन 36 लाख मीट्रिक टन, साल 2015-16 में 38 लाख मीट्रिक टन और कारोबारी साल 2016-17 में 39 लाख मीट्रिक टन रहने का अनुमान है। ठीक इन्ही समान अवधियों में कंपनी का गैस उत्पादन 2.8 बीसीएम, 3 बीसीएम और 3.1 बीसीएम का अनुमान जताया गया है।
मोजाम्बिक में तेल क्षेत्रों के अपग्रेडेशन से कंपनी के निवेश फैसले को सहारा मिला है। मोजाम्बिक में ऑयल इंडिया की 5% हिस्सेदारी है। निवेश से ऑयल इंडिया के नकदी के उपयोग (कैश यूटिलाइजेशन) से जुड़ी चिंताएँ भी कम हुई हैं। सरकार ने गैस की कीमत बढ़ा कर 5.6 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू कर दी है, जो एक सकारात्मक कदम है। इससे पहले गैस की कीमत 4.2 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू थी। सब्सिडी में साझेदारी की व्यवस्था पर स्पष्टता से आगे चलकर शेयरधारकों को लाभ मिलेगा। ब्रोकिंग फर्म ने 778 रुपये के लक्ष्य भाव के साथ शेयर के लिए खरीदारी की सलाह जारी रखी है। (शेयर मंथन, 14 नवंबर 2014)