नवंबर 2014 में औद्योगिक उत्पादन के आँकड़ों में सुधार के बाद उद्योग संगठन कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) ने उम्मीद जतायी है कि स्थिति में सुधार के आरंभिक संकेत आगे चल कर मजबूती से सँभलने में तब्दील होंगे।
सीआईआई ने यह उम्मीद जताते हुए कहा है कि निवेश के इरादों में प्रगति दिख रही है और व्यावसायिक आत्मविश्वास बढ़ा है। गौरतलब है कि अक्टूबर 2014 में औद्योगिक उत्पादन में कमी आने के बाद नवंबर महीने में इसमें अच्छी वृद्धि दर्ज हुई है।
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा है कि अर्थव्यवस्था को तेज विकास के पथ पर ले जाने के लिए माँग पैदा करने को प्राथमिकता देने की जरूरत है। विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) क्षेत्र को बड़ा प्रोत्साहन देना चाहिए, खास कर ऐसे समय जब बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने भारत को निवेश के लिए व्यावहारिक विकल्प के रूप में देखना शुरू कर दिया है।
बनर्जी का सुझाव है कि सरकार को उद्यमियों के लिए मैत्रीपूर्ण सुधार करने चाहिए, जिससे अर्थव्यवस्था में निवेश को बढ़ावा मिले। साथ ही कर व्यवस्था पारदर्शी, पूर्वानुमान लगाने योग्य और वैश्विक मानकों के अनुरूप हो।
दिसंबर 2014 के महीने में खुदरा महँगाई दर में हल्की बढ़ोतरी के संदर्भ में सीआईआई का कहना है कि इसके चलते आरबीआई को आने वाली मौद्रिक नीति में ब्याज दरों में कटौती करने से रुकना नहीं चाहिए। बनर्जी का कहना है कि विकास दर बढ़ाने को तवज्जो देने के मामले में आरबीआई को सरकार के साथ कदमताल में चलना चाहिए। उनके मुताबिक यह इसलिए महत्वपूर्ण है कि अब तक निवेश में कोई खास बढ़त नहीं दिखी है और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं के क्षेत्र में कमजोर प्रदर्शन ही रहा है। (शेयर मंथन, 12 जनवरी 2015)