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थोक महँगाई घटी, पर खाने-पीने की चीजों में राहत नहीं

जनवरी 2015 में थोक महँगाई दर (WPI) नकारात्मक दर्ज की गयी है, यानी इस दौरान थोक भाव नीचे आये हैं।

हालाँकि खाद्य वस्तुओं के दाम ऊँचे रहे, मगर विनिर्मित (मैन्युफैक्चर्ड) सामानों और ईंधन के दाम घटने से थोक महँगाई दर बीते महीने जनवरी में -0.39% पर आ गयी, जो दिसंबर 2014 में 0.11% आँकी गयी थी। यह इसका छह वर्षों का निचला स्तर है। इससे पहले जून 2009 में महँगाई दर -0.40% पर थी। वहीं नवंबर के आँकड़े में संशोधन किया गया है। पिछले आकलन के मुताबिक नवंबर 2014 में महँगाई दर शून्य थी, मगर संशोधन के बाद इसे -0.17% कर दिया गया है।

थोक महँगाई दर ऋणात्मक हो जाने के बावजूद आम लोगों को शायद उतनी राहत इसलिए महसूस नहीं हो रही है कि खाद्य वस्तुओं की कीमतें जनवरी में भी ऊँची रहीं। खाद्य महँगाई दर जनवरी में 8% दर्ज की गयी, जो छह महीनों का ऊँचा स्तर है। दाल, सब्जियों और अनाज के दाम जनवरी में पिछले महीने से ज्यादा रहे। 

थोक महँगाई दर को नीचे लाने में एक बड़ा योगदान ईंधन और बिजली का रहा, जिसमें जनवरी के दौरान 10.69% की कमी आयी। पेट्रोल की कीमत दिसंबर 2014 में 11.96% सस्ती हुई थी, जो जनवरी में फिर से 17.08% घट गयी। इसी तरह का रुझान डीजल की कीमतों में भी देखा गया। (शेयर मंथन, 16 फरवरी 2015)

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