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रॉ शुगर के निर्यात पर 4,000 रुपये/टन सब्सिडी को मंजूरी

केंद्र सरकार ने रॉ शुगर के निर्यात पर 4,000 रुपये प्रति टन की सब्सिडी को मंजूरी दी है।

ये सब्सिडी फसल वर्ष 2014-15 के लिए 14 लाख टन रॉ शुगर पर मिल सकेगी। गन्ने का फसल वर्ष 1 अक्टूबर से शुरू होकर 30 सिंतबर तक जारी रहता है। पिछले हफ्ते ही खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने सब्सिडी बढ़ाने को मंजूरी दी थी। सरकार ने सितंबर 2014 तक रॉ शुगर के एक्सपोर्ट के लिए 3,371 रुपये प्रति टन की सब्सिडी मुहैया कराई थी। चीनी मिलों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है।

दरअसल चीनी मिलें नकदी की समस्या से जूझ रही हैं, और उन पर गन्ना किसानों के एरियर भुगतान का बोझ लगातार बढ़ रहा है। चीनी मिलों के मुताबिक उनपर फिलहाल गन्ना कीमतों की एरियर का बोझ 12,300 करोड़ रुपये है। सरकार ने चीनी मिलों को आधुनिक बनाने की सलाह दी है और चीनी निर्माण के दौरान मिले बाय-प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से आय बढ़ाने को कहा है।

देश में पिछले 5 सालों से चीनी का मांग से अधिक उत्पादन हो रहा है। चीनी मिलों का स्टॉक बढ़ने से कीमतों पर नकारात्मक असर देखने को मिल रहा था जिससे मिलों के लिये किसानों का भुगतान करने में मुश्किलें खड़ी हो रही थीं। चीनी मिलों की मांग के बाद ही रॉ शुगर के निर्यात पर सब्सिडी का ऐलान किया गया जिससे मिलों को अपना स्टॉक निपटाने में मदद मिल सके।

गुरुवार को सब्सिडी की मंजूरी के बाद विश्व बाजारों में सप्लाई बढ़ने के संकेत से न्यूयॉर्क में चीनी कीमतों में 3% की गिरावट दर्ज की गयी। वहीं शेयर बाजार में आज चीनी क्षेत्र की कंपनियों के शेयर में बढ़त देखने को मिली। श्री रेणुका, मवाना शुगर, बजाज हिंदुस्तान, बलरामपुर चीनी के शेयर में 2% से ज्यादा की बढ़त दर्ज की गयी। (शेयर मंथन 20 फरवरी 2015)

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