टेलीकॉम क्षेत्र के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी पूरी हो गयी है। इस नीलामी से केंद्र सरकार के खजाने में 1,09,874 करोड़ रुपये की राशि आयी है।
मोबाइल सेवाओं के लिए 1800, 900, 2100 एवं 800 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम की यह नीलामी 4 मार्च 2015 से 25 मार्च 2015 तक कुल मिला कर 19 दिनों तक चली और इसके 115 दौर संपन्न हुए। विभिन्न एलएसए (800, 900, 1800 एवं 2100 मेगाहर्ट्ज बैंड) में कुल मिला कर 470.75 मेगाहर्ट्ज की पेशकश नीलामी के लिए की गयी।
इस नीलामी में सभी स्पेक्ट्रम बैंडों में मोबाइल सेवा कंपनियों ने बढ़-चढ़ कर बोलियाँ लगायीं। कई मामलों में तो लगायी गई बोलियाँ आरक्षित मूल्य के मुकाबले 300% तक अधिक रहीं। इस दौरान 88% से भी ज्यादा स्पेक्ट्रम के लिए अनंतिम तौर पर प्रतिबद्धता जतायी गई। नीलामी से जितनी राशि पाने का अनुमान लगाया गया था, उसके मुकाबले इसमें तकरीबन 37% बढ़ोतरी दर्ज की गयी है।
इससे पहले नवंबर 2012 में 390 मेगाहर्ट्ज और फरवरी 2014 में 426 मेगाहर्ट्ज की पेशकश नीलामी के लिए की गयी थी। नवंबर, 2012 में 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम की नीलामी से कुल मिला कर 9,407 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे। वहीं, फरवरी 2014 में स्पेक्ट्रम की नीलामी से 61,162 करोड़ रुपए हासिल हुए थे। (शेयर मंथन, 26 मार्च 2015)