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बजट का बाजार पर होगा उदासीन प्रभाव

रोहित गाडिया

संस्थापक और सीईओ

कैपिटल वाया ग्लोबल रिसर्च

बाजार की दृष्टि से इस बजट का बाजार पर उदासीन प्रभाव हो सकता है क्योंकि वित्त मंत्री ने बजट में ग्रामीण, कृषि और बुनियादी ढाँचे के विकास पर अधिक जोर दिया है जिससे बहुत ज्यादा नकारात्मक और सकारात्मक घोषणाएँ नहीं हैं।

वित्त वर्ष 2016-17 के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य में कोई परिवर्तन न करते हुए 3.5% ही रखा गया है, जो बाजार के लिए बेहद सकारात्मक संकेत है। इसके साथ ही योजनागत व्यय 15.3% बढ़ा कर 5.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। इनके कारण आगामी दिनों में रिजर्व बैंक के गवर्नर से दरों में कटौती की उम्मीद बनने लगी है।
वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2016-17 में रेलवे और सड़क क्षेत्र के लिए 2,18,000 करोड़ रुपये के परिव्यय और 2016-17 में एनएचएआई द्वारा बॉन्ड के जरिये 15,000 करोड़ रुपये जुटाने का प्रस्ताव किया है जो बॉन्ड बाजार के लिए भी सकारात्मक होगा। बजट में कर छूट की सीमा 3,000 हजार रुपये बढ़ाने, किराये पर कर छूट की सीमा 24,000 रुपये हजार से बढ़ा कर 60,000 हजार किये जाने और पहली बार घर खरीदने वालों को सालाना 50,000 रुपये की अतिरिक्त छूट और सेवानिवृत्ति होने पर राष्ट्रीय पेंशन योजना से 40% तक की निकासी को कर मुक्त करने का प्रावधान कर छोटे करदाताओं को राहत दी गयी है।
ग्रामीण, कृषि और ढाँचागत विकास पर अधिक जोर देते हुए बीमा, स्वास्थ्य, उर्वरक, बुनियादी ढाँचा क्षेत्र पर जोर बना रहेगा। निवेशक उर्वरक, निर्माण, शिक्षा जैसे विशिष्ट क्षेत्रों से मिड-कैप शेयरों को अपने पोर्टफोलियों में जोड़ सकते हैं। इन क्षेत्रों के लिए चालू बजट आवंटन को देखते हुए इन शेयरों को जोड़ने का उनके पोर्टफोलियो पर सकारात्मक प्रभाव हो सकता है। निफ्टी 6,800 अंक से 7,200 अंक के दायरे में बना रहेगा। (शेयर मंथन, 29 फरवरी 2016)

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