
किंग ऑफ गुड टाइम्स के नाम से मशहूर विजय माल्या (Vijay Mallya) की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। खबर है कि भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के कंसोर्शियम ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर अनुरोध किया है
कि विजय माल्या के देश छोड़ने पर रोक लगा दी जाये। ध्यान रहे कि माल्या द्वारा प्रवर्तित किंगफिशर एयरलाइन्स (Kingfisher Airlines) पर 17 बैंकों के इस कंसोर्शियम का बकाया अब तकरीबन 10 हजार करोड़ रुपये है।
उच्चतम न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई के लिए 9 मार्च यानि बुधवार की तारीख तय की है। एटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी, जो इन बैंकों की ओर से पेश हुए, ने मंगलवार को न्यायालय से कहा कि माल्या के देश छोड़ देने के बाद फिर उन्हें पकड़ना मुश्किल होगा, इसलिए इस मामले की जल्द सुनवाई की जाए।
इससे पहले सोमवार को एक डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल (Debt Recovery Tribunal) ने कहा था कि माल्या समझौते के तहत डियाजियो से मिलने वाले 515 करोड़ रुपयों (7.5 करोड़ डॉलर) को तब तक हाथ तक नहीं लगा सकते जब तक बैंकों के साथ लोन डिफाल्ट का मामला सुलझ नहीं जाता। इस मामले में बैंकों के कंसोर्शियम ने ट्रिब्यूनल से कहा था कि डियाजियो से मिल रहे पैसों पर पहला हक उसका है। ट्रिब्यूनल ने डियाजियो और माल्या को यह निर्देश भी दिया है कि वे इस समझौते का पूरा विवरण बैंकों को दें।
इसके अलावा सोमवार को ही प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने माल्या के खिलाफ मनी लांडरिंग का मामला भी दर्ज किया था। (शेयर मंथन, 08 मार्च 2016)