क्रिसिल ने शुक्रवार को जारी अपनी इंडिया आउटलुक 2016-17 रिपोर्ट में अगले वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी तीन महत्वपूर्ण कारकों को रेखांकित किया है।
रिपोर्ट में पहली बात यह कही गयी है कि नीतिगत और प्रशासनिक सुधार, जो अब तक किये जा चुके हैं और जो अगले वर्ष किये जाने की जरूरत है, पर कड़ाई से अमल हो। इसमें बिजली क्षेत्र के लिए उदय सुधारों पर प्रगति, डूबे कर्ज का खात्मा, बैंकिंग में पूँजीकरण और संरचनात्मक सुधार, दिवालिया नियम का प्रवर्तन और पीपीपी दौर का पुनरोद्धार शामिल है। दूसरी महत्वपूर्ण बात है, दबी हुई ग्रामीण माँग को बढ़ाने के लिए लगातार तीन मौसमी झटकों, दो कमजोर मानसून और वर्ष 2015 की शुरुआत में बेमौसम बारिश, के बाद एक अच्छे मानसून की जरूरत है। और, तीसरी महत्वपूर्ण बात है कि वैश्विक परिदृश्य में और आगे कोई गिरावट न हो। क्रिसिल रेटिंग के बिजनेस हेड, लार्ज कॉर्पोरेट रमन उबेरॉय ने कहा कि पहले कारक भारत की दीर्घकालिक वृद्धि के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जबकि अन्य दो कारक माँग में सुधार के लिए महत्वपूर्ण हैं। (शेयर मंथन, 11 मार्च, 2016)