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इस साल बेहतर आर्थिक प्रदर्शन की आशा : फिक्की (FICCI)

उद्योग संगठन फिक्की के अध्यक्ष पंकज पटेल ने आज जारी जीडीपी के आँकड़ों पर अपनी टिप्पणी में कहा है कि 2016-17 के लिए जीडीपी वृद्धि दर पहले के अनुमानों के अनुरूप ही है, पर चौथी तिमाही के आँकड़े अवश्य धीमेपन की ओर इशारा कर रहे हैं।

पिछले साल उच्च मूल्य (500 और 1,000 रुपये) वाले करंसी नोटों पर लगी रोक को इस धीमेपन का कारण माना जा सकता है। हालाँकि अब उनके बदले नये नोटों को लाने का काम लगभग पूरा हो चुका है और विकास की गति धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रही है।
पंकज पटेल ने आगे कहा है कि इस सरकार ने अपने तीन साल पूरे कर लिये हैं और सुधार के लिए उठाये गये विभिन्न कदम भविष्य के लिए एक मजबूत नींव रख रहे हैं। लगातार वैश्विक बाधाएँ आते रहने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती से विकास कर रही है।
फिक्की अध्यक्ष ने उम्मीद जतायी है कि जुलाई में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का लागू होना पूरे खेल को बदलने वाला साबित होगा। उन्होंने कहा है कि साथ ही एनपीए अध्यादेश को भी स्वीकृति दी जा चुकी है, जिससे इसके समाधान को तेज करने में मदद मिलेगी। इससे बैंकों के बही-खाते सुधरेंगे और आगे चल कर निजी निवेश को इससे सहारा मिलेगा। भारत का आर्थिक प्रदर्शन इस साल आने वाले महीनों में बेहतर होने की उम्मीद है। फिक्की के ताजा इकोनॉमिक आउटलुक सर्वे के अनुसार 2017-18 में भारत की विकास दर 7.4% रहने का अनुमान है। (शेयर मंथन, 31 मई 2017)

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