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उद्योग संगठनों ने थोक महँगाई (WPI) घटने का किया स्वागत

भारत के प्रमुख उद्योग संगठनों, सीआईआई (CII) और फिक्की (FICCI) ने सितंबर महीने में थोक महँगाई (Wholesale Inflation) घटने का स्वागत किया है।

फिक्की के अध्यक्ष पंकज पटेल ने कहा कि "खाद्य वस्तुओं के मूल्यों में नरमी की वजह से महँगाई दर में कमी आयी है। इससे पहले खुदरा महँगाई (Retail Inflation) के आँकड़ों ने भी खाद्य कीमतों में कुछ नरमी दिखायी थी। कुल मिला कर महँगाई आरबीआई के दर्शाये पूर्वानुमानों के दायरे के अंदर ही है और यह एक उत्साहवर्द्धक संकेत है।"
आज जारी आँकड़ों पर टिप्पणी करते हुए सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी (Chandrajit Banerjee) ने कहा, "सीआईआई महँगाई में इस कमी का स्वागत करता है, जिसमें प्राथमिक वस्तुओं और विशेष कर खाद्य कीमतों में नरमी का मुख्य रूप से लाभ मिला है। खुदरा महँगाई दर (CPI) के आँकड़े इस महीने में स्थिर रहे थे। दोनों को एक साथ मिला कर देखे जायें तो ये आँकड़े उत्साह बढ़ाने में मददगार होंगे।"
हालाँकि दोनों ही उद्योग संगठनों ने महँगाई दर में कमी के इस मौके का उपयोग ब्याज दरों में कमी की वकालत के लिए भी किया। पंकज पटेल ने कहा, "हमारी मौद्रिक नीति के नजरिये में ज्यादा संतुलन लाये जाने की जरूरत है, जो अभी मुख्यतः महँगाई के प्रबंधन पर केंद्रित है। विकास के पक्ष पर भी उतना ही जोर दिया जाना चाहिए। हमें उम्मीद है कि आरबीआई जल्दी ही अपनी नीतिगत दरों में कमी करेगा।"
सीआईआई महानिदेशक ने भी कहा कि हाल में घोषित मौद्रिक नीति की समीक्षा में ब्याज दरों को घटाने का एक अवसर गँवा दिया गया। लेकिन अब खुदरा और थोक दोनों महँगाई दर में नरमी को देखते हुए आरबीआई को अगली मौद्रिक नीतिगत घोषणा में ब्याज दरों को घटाने का चक्र आगे बढ़ाने चाहिए, जिससे माँग को बढ़ावा मिल सके।
गौरतलब है कि आज जारी आँकड़ों के अनुसार मासिक थोक मूल्‍य सूचकांक (WPI) पर आधारित मुद्रास्‍फीति या महँगाई दर सितंबर 2017 के दौरान (सितंबर 2016 की तुलना में) 2.60% (अनंतिम) रही, जबकि अगस्त 2017 में यह 3.24% (अनंतिम) थी। (शेयर मंथन, 16 अक्टूबर 2017)

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