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सत्यम मामले पर प्राइस वाटरहाउस की चुप्पी जारी

ऑडिट फर्म प्राइस वाटरहाउस ने सत्यम के मामले में एक ताजा बयान जारी किया है, लेकिन इसमें भी सत्यम के घोटाले पर कोई रोशनी डालने के बदले इसने चुप्पी ही साधे रखी है। इसने अपने बयान में कहा है कि "पिछले दो दिनों में सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज के खातों में कथित अनियमितताओं के बारे में मीडिया में काफी खबरें छपी हैं। प्राइस वाटरहाउस वैधानिक रूप से सत्यम की ऑडिटर है। प्राइस वाटरहाउस ने ऑडिटिंग मानकों के मुताबिक ही कंपनी की ऑडिटिंग की और इसमें ऑडिटिंग के लिए उचित सबूतों को ही आधार बनाया गया।" 

प्राइस वाटरहाउस ने कहा है कि ग्राहक (यानी सत्यम) की गोपनीयता के लिए बाध्य होने के चलते आरोपित अनियमितताओं पर कोई टिप्पणी करना हमारे लिए संभव नहीं है। प्राइस वाटरहाउस ने भरोसा दिलाया है कि वह नियामकों (रेगुलेटर्स) और अन्य पक्षों के साथ सहयोग करने की अपनी जिम्मेदारी को पूरी तरह निभायेगी। 

लेकिन ग्राहक की गोपनीयता के नाम पर चुप्पी बरतने वाली प्राइस वाटरहाउस इस बात को नजरअंदाज कर रही है कि एक ऑडिटर की वास्तविक जवाबदेही कंपनी के प्रबंधन नहीं, बल्कि उसके शेयरधारकों के प्रति होती है। इस समय तमाम शेयरधारकों के हित में यही है कि सत्यम की असली कहानी को सामने रखा जाये। दूसरी बात यह है कि प्राइस वाटरहाउस खुद इस घोटाले में मिलीभगत के आरोप के घेरे में है। इसलिए चुप्पी बरत कर वह अपने खिलाफ लगे आरोपों को और गंभीर बना रही है। 

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