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मार्च में 21 महीनों के निचले स्तर पर पहुँची आईआईपी (IIP) दर

मार्च 2019 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (Index Of Industrial Production) या आईआईपी (IIP) बढ़ने की दर केवल 0.1% दर्ज की गयी।

यह पिछले 21 महीनों में आईआईपी का सबसे निचला स्तर है। इससे पहले फरवरी में भी आईआईपी दर 0.1% दर्ज की गयी थी, मगर ताजा सरकारी आँकड़ों में फरवरी के लिए आईआईपी दर को संशोधित कर 0.07% कर दिया गया है।
जानकारों का मानना है कि यह अर्थव्यवस्था में संभावित मंदी का संकेत है। वहीं वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आईआईपी दर 3.6% रही, जो 2017-18 के लिए 4.4% रही थी।
इससे पहले मार्च के लिए अपनी मासिक आर्थिक रिपोर्ट में वित्त मंत्रालय ने जिक्र किया था कि 2018-19 में आर्थिक गतिविधियों में मंदी के कारणों में निजी उपभोग की वृद्धि में गिरावट, निश्चित निवेश में नरम वृद्धि, और सुस्त निर्यात शामिल है।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी किये गये आँकड़ों के मुताबिक जनवरी में विनिर्माण क्षेत्र में महज 0.4% की वृद्धि दर्ज की गयी, जो पिछले साल की समान अवधि में 5.7% रही थी। वहीं खनन विकास दर 3.1% के मुकाबले 0.8% और विद्युत उत्पादन 5.9% की तुलना में 2.2% रह गयी।
इसके अलावा साल दर साल आधार पर प्राथमिक वस्तु उत्पादन में 3% की तुलना में 2.5% की बढ़त हुई।
गौरतलब है कि आईआईपी का किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में बहुत महत्व होता है। क्योंकि इससे देश की अर्थव्यवस्था में औद्योगिक वृद्धि का पता चलता है। (शेयर मंथन, 11 मई 2019)

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