
उद्योग संगठन फिक्की ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा आज घोषित की गयी मौद्रिक नीति पर निराशा व्यक्त की है। फिक्की ने कहा है कि इस स्थिति में ब्याज दरों में कटौती की जा सकती थी, जब आरबीआई स्वयं यह स्वीकार कर रही है कि मार्च तक महँगाई दर घट कर 3% तक आ जाने की संभावना है। फिक्की ने कहा है कि यदि इन स्थितियों में ब्याज दरों में कटौती की जाती, तो निश्चित तौर पर सरकार और आरबीआई द्वारा किये गये पिछले उपायों को और बल मिलता। उद्योग संगठन ने म्युचुअल फंडों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के लिए नकदी की सहायता को 30 मार्च 2009 से बढ़ा कर 30 सितंबर 2009 तक किये जाने का स्वागत किया है।
इसने उम्मीद जतायी है कि यह सहायता मार्च 2010 तक जारी रहेगी।