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बाजार विशेषज्ञ से जानें इंडिगो शेयरों का विश्लेषण, 3 साल के लिए क्या टारगेट होना चाहिए?

एक निवेशक जानना चाहते हैं कि उन्हें इंडिगो (IndiGo) के शेयर में आगे क्या करना चाहिए? आइए, बाजार विश्लेषक शोमेश कुमार से जानते हैं कि शेयरों में आगे क्या होने की संभावना है?

बाजार विश्लेषक शोमेश कुमार इस सवाल के जवाब में कहते हैं कि इंडिगो को लेकर हाल के दिनों में लगातार खबरें आ रही हैं, जिनका सीधा असर इसके शेयर पर भी दिखा है। एक तरफ एविएशन मिनिस्ट्री के बयान के बाद शेयर में गिरावट देखने को मिली, तो दूसरी ओर छुट्टियों के दौरान कंपनी द्वारा एक ही हफ्ते में 10 लाख नए यात्रियों को ऑनबोर्ड करने की खबर आई। इसके अलावा नवी मुंबई एयरपोर्ट पर पहली कमर्शियल लैंडिंग भी इंडिगो के विमान की हुई, जिसने कंपनी की ब्रांड मौजूदगी को और मजबूत किया।

हकीकत यह है कि एविएशन सेक्टर काफी हद तक न्यूज-ड्रिवन होता है। छोटी-सी खबर भी शेयर में तेज उतार-चढ़ाव ला सकती है। इंडिगो ने बीते वर्षों में इतना बड़ा मार्केट शेयर बना लिया है कि वह लगभग एक तरह की मोनोपोली जैसी स्थिति में आ गई है। यही वजह है कि जब ऑपरेशनल संकट, फ्लाइट कैंसिलेशन या क्रू फटीग जैसे मुद्दे सामने आते हैं, तो उनका असर सिर्फ यात्रियों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि रेगुलेटर्स और सरकार की नजर भी कंपनी पर जाती है।

इंडिगो में आगे क्या होगा?

यहां एक बड़ा सवाल सरकार और अथॉरिटीज की भूमिका का है। किसी भी सेक्टर में मोनोपोली, यहाँ तक कि ओलिगोपोली भी, लंबे समय में स्वस्थ नहीं मानी जाती। अगर प्रतिस्पर्धा कम होती है तो कंपनियां अपने फायदे के लिए नियमों का फायदा उठाने लगती हैं। इंडिगो के मामले में भी यह चर्चा तेज है कि सरकार नए एविएशन लाइसेंस जारी कर सकती है या नए प्लेयर्स को बढ़ावा दे सकती है, ताकि सेक्टर में डिपेंडेंस कम हो। अगर ऐसा होता है तो यह इंडिगो के बिजनेस के लिए बहुत बड़ा खतरा नहीं होगा, लेकिन उसके ऊंचे वैल्यूएशन पर दबाव जरूर डाल सकता है। 

इंडिगो का भविष्य काफी हद तक इस बात पर निर्भर करेगा कि आने वाले महीनों में सरकारी तंत्र और रेगुलेटरी बॉडीज क्या रुख अपनाती हैं। अगर हालिया घटनाओं को सिर्फ वन-टाइम अफेयर मानकर छोड़ दिया गया और मार्केट शेयर लगातार 65% से ऊपर बना रहा, तो सब कुछ पहले जैसा चलता रहेगा। लेकिन अगर सच में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के ठोस कदम उठे, तो तस्वीर बदल सकती है। इसलिए फिलहाल इंडिगो में निवेश या ट्रेडिंग करते समय न्यूज फ्लो और सरकारी संकेतों पर करीबी नजर रखना सबसे जरूरी है।


(शेयर मंथन, 29 दिसंबर 2025)

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