सरकार ने टेलीकॉम और नेटवर्क उत्पाद के पीएलआई यानी (PLI) प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव को मंजूरी दे दी है। सरकार की ओर से 42 कंपनियों को पीएलआई (PLI) योजना के तहत मंजूरी दी गई है।
इसमें 28 एमएसएमई (MSME) यानी सूक्ष्म,लघु और मध्यम उपक्रम भी शामिल हैं। इस योजना के तहत कुल 4115 करोड़ रुपये का निवेश होना है। इसमें से 17 कंपनियों ने 1 फीसदी की अतिरिक्त छूट के लिए भी आवेदन दिया है। इन 17 कंपनियों ने डिजाइन आधारित मैन्युफैक्चरिंग शर्तों के तहत आवेदन दिया है। इन कंपनियों की ओर से किए गए निवेश से 2.45 लाख करोड़ अतिरिक्त बिक्री होने की उम्मीद है। साथ ही योजना की अवधि के दौरान 44000 से ज्यादा रोजगार के मौके भी पैदा होंगे।
जिन कंपनियों के आवेदन को संचार मंत्रालय से मंजूरी मिली है उसमें फ्लेक्सट्रॉनिक्स टेक्नोलॉजीज (भारत), सैमसंग इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स, नोकिया सॉल्यूशंस ऐंड नेटवर्क्स इंडिया, जाबिल सर्किट इंडिया, डिक्सन इलेक्ट्रो अप्लायंसेज,एचएफसीएल (HFCL) लिमिटेड, आईटीआई (ITI) लिमिटेड, तेजस नेटवर्क्स जैसी कंपनियां शामिल हैं। सरकार के इस पीएलआई योजना को घरेलू और वैश्विक मैन्युफैक्चर्रस से काफी बढ़िया प्रतिक्रिया मिली। इस योजना को बढ़िया प्रतिक्रिया मिलना सरकार के प्रति भरोसे को दर्शाता है। भारत टेलीकॉम और नेटवर्किंग उपकरण के मैन्युफैक्चरिंग हब के तौर पर विकसित होने के लिए तैयार है।
वहीं एचएफसीएल (HFCL) ने एक्सचेंज को अलग से पीएलआई योजना के लिए मिली मंजूरी के बारे में जानकारी दी है। कंपनी को सिडबी यानी स्मॉल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया (SIDBI) से प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एजेंसी के लिए भी मंजूरी मिली है। कंपनी को इस योजना के तहत 652.79 करोड़ रुपये तक की छूट मिलेगी। कंपनी को यह छूट टेलीकॉम और नेटवर्किंग उपकरणों के उत्पादन और बिक्री के लिए मिलेगी। कंपनी को इस योजना के तहत यह छूट 5 साल की अवधि के दौरान मिलेगी। यह अवधि 2022-23 से शुरू होकर 2026-27 तक लागू होगा। कंपनी के मुताबिक सरकार की इस योजना से भारत न केवल टेलीकॉम और नेटवर्किंग उपकरणों का मैन्युफैक्चरिंग हव बनेगा जबकि इन उत्पादों के निर्यात में तेजी आने की उम्मीद है।
(शेयर मंथन,01 नवंबर 2022)
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