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जुलाई में एमएफ निवेश में 43 फीसदी की गिरावट दर्ज

इक्विटी म्यूचुअल फंड इन्फलो में गिरावट देखने को मिला है। इसके लिए घरेलू से लेकर अंतरराष्ट्रीय वजहें शामिल हैं।

जुलाई में इक्विटी म्यूचुअल फंड इन्फलो में 43 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इक्विटी म्यूचुअल फंड में जुलाई महीने में 8898 करोड़ रुपये का निवेश देखने को मिला है। यह रकम
पिछले महीने के मुकाबले 43 फीसदी कम है। म्यूचुअल फंड निवेश में गिरावट की वजह बाजार में जारी उथल-पुथल रहा। इसके अलावा निवेशकों में महंगाई की चिंताओं के साथ भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद भी एक वजह रही। फंड इन्फलो के हिसाब से यह लगातार 17वां ऐसा महीना है जब निवेशकों ने पैसा लगाना जारी रखा है। जून में इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश 15,495 करोड़ रुपये, मई में 18,529 करोड़ रुपये और अप्रैल 15,890 करोड़ रुपये का निवेश क्रमशः देखा गया। ये आंकड़े एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया की ओर से जारी किए गए हैं। इक्विटी स्कीम में नेट इन्फलो मार्च 2021 से लगातार जारी है। इन इक्विटी स्कीम में 8 महीने तक लगातार आउटफ्लो देखा गया था। यह अवधि जुलाई 2020 से फरवरी 2021 की रही है। इन 8 महीने के दौरान करीब 46,791 करोड़ की रकम निकाली गई। मॉर्निंगस्टार इंडिया के मैनेजर रिसर्च कविता कृष्णन के मुताबिक बाजार में उथल-पुथल को देखते हुए निवेशक ज्यादा सतर्क हो गए हैं। महंगाई के अभी ऊपरी पर बन रहने की संभावनाओं के बीच निवेशक फूंक-फूंक कर कदम उठा रहे हैं। आरबीआई (RBI) के दरों में बढ़ोतरी के चक्र और अगस्त में दरों में दोबारा संभावित इजाफे से निवेशक सतर्क हो गए हैं। आपको बता दें कि आरबीआई ने 5 अगस्त को अपने मॉनेटरी पॉलिसी में रेपो रेट में 0.50 फीसदी बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया है। एप्सिलॉन मनी मार्ट के प्रोडक्ट्स हेड और प्रोपॉजिशन नितिन राव ने कहा कि रुपये की कमजोरी के साथ बढ़ते जियोपॉलिटिकल तनाव के कारण भी लोग निवेश को लेकर सतर्क हो गए हैं। हाल ही में नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे के कारण भी तनाव बढ़ गया था। इन सभी वजहों से इक्विटी इनफ्लो में गिरावट देखी गई है। मोतीलाल ओसवाल एएमसी के चीफ बिजनेस ऑफिसर अखिल चतुर्वेदी ने कहा कि जुलाई महीने में बाजार में तेजी से कुछ निवेशकों ने मुनाफा कमाया है। इक्विटी के सभी कैटेगरी में जुलाई महीने में इनफ्लो देखा गया। इसमें स्मॉल कैप फंड कैटेगरी में सबसे ज्यादा निवेश देखा गया जिसकी रकम 1780 करोड़ रुपये है। इसके बाद दूसरे नंबर पर फ्लेक्सी कैप फंड है जहां पर 1381 करोड़ रुपये का निवेश देखने को मिला। इसके अलावा लार्ज कैप फंड, लार्ज एंड मिडकैप फंड और मिडकैप फंड प्रत्येक में 1000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। जुलाई महीने में एसआईपी (SIP) यानी सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान में जून के 12,276 करोड़ रुपये के निवेश के मुकाबले 12,140 करोड़ रुपये का निवेश देखने को मिला है। इसके साथ ही एसआईपी खातों की संख्या जुलाई महीने में 5.61 करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के मुख्य कार्यकारी एन एस वेंकटेश के मुताबिक 12000 करोड़ रुपये से ज्यादा के एसआईपी इस बात को दर्शाता है कि म्यूचुअल फंड लोगों के निवेश का पसंदीदा विकल्प है। इक्विटी के अलावा डेट म्यूचुअल फंड में भी पिछले महीने 4930 करोड़ रुपये का निवेश देखने को मिला है,जबकि पिछले महीने यानी जून में 92,247 करोड़ रुपये का आउटफ्लो देखा गया था। हालाकि गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) में 457 करोड़ रुपये का नेट आउटफ्लो देखा गया, जबकि जून में 135 करोड़ रुपये का निवेश देखा गया था। कुल मिलाकर देखें तो म्युचूअल फंड इंडस्ट्री में 23,605 करोड़ रुपये का नेट इन्फ्लो देखा गया,जबकि जून में 69,853 करोड़ रुपये की नेट निकासी देखी गई थी। म्युचूअल फंड इंडस्ट्री का एयूएम 37.75 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है जो पिछले महीने 35.64 लाख करोड़ रुपये था।

(शेयर मंथन 10 अगस्त, 2022)

 

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