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साल भर से लंबा चला इंतजार, अब सेंसेक्स हुआ 86 हजार के पार, निफ्टी का भी नया शिखर

दुनिया भर के बाजार लगातार नये शिखर को छू रहे थे, लेकिन भारतीय बाजार की झिझक टूटने का नाम नहीं ले रही थी। आज अंतत: बाजार ने झिझक तोड़ी और सुबह-सुबह नया इतिहास रच दिया।

 भारतीय शेयर बाजार ने आज आखिरकार वह मुकाम छू लिया, जिसका इंतजार लगभग 14 महीनों से किया जा रहा था। निफ्टी और सेंसेक्स दोनों ने सुबह के कारोबार में अपने सर्वकालिक उच्च स्तरों को पार कर लिया, जिससे निवेशकों के बीच उत्साह का माहौल बन गया। इन दोनों प्रमुख घरेलू सूचकांकों ने बीते साल सितंबर महीने के अंत में पिछली बार नए उच्च स्तर का कीर्तिमान बनाया था।

सेंसेक्स-निफ्टी ने बनाये ये शिखर

निफ्टी 50 ने आज 26,277 अंकों के अपने पुराने उच्च स्तर को पीछे छोड़ते हुए 26,306.95 तक का नया शिखर छुआ। निफ्टी अपने जीवन में पहली बार 26,300 अंक के पार निकला है। दूसरी ओर, सेंसेक्स भी अपने पिछले बंद से 250 अंक ऊपर जाकर 86,026.18 के दिन के उच्च स्तर तक पहुँच गया। सेंसेक्स ने पिछले साल सितंबर में 85,978.25 अंक का उच्च स्तर बनाया था। हालाँकि थोड़ी देर में बाजार अपने शिखर से कुछ नीचे भी आया, लेकिन अच्छी तेजी बरकरार दिख रही है। सुबह के 10 बजकर 30 मिनट पर सेंसेक्स 318 अंक की तेजी में 85,927.51 के स्तर पर था। वहीं निफ्टी 75.75 अंक ऊपर 26,278 के पास था।

ब्लूचिप शेयरों से मिली बाजार को मदद

लगभग 289 कारोबारी सत्रों के इंतजार के बाद यह उछाल ऐसे समय आयी है, जब बाजार कई तरह की अनिश्चितताओं जैसे- अमेरिका के साथ व्यापार सौदे पर अस्पष्टता, भू-राजनीतिक तनाव और विदेशी निवेशकों की निकासी आदि से जूझ रहा था। आज की तेजी में भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे दिग्गज शेयरों का सबसे बड़ा योगदान रहा।

इन कारणों से झिझक रह था बाजार

पिछले कुछ महीनों से भारतीय बाजार अपने एशियाई प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले कमजोर रफ्तार से चल रहे थे। ऊँचे मूल्यांकन, ठंडी पड़ी कॉरपोरेट कमाई और विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने बाजार पर दबाव बनाकर रखा था। इसके चलते बाजार के बड़े स्तरों पर पहुँचने को लेकर निवेशकों में झिझक बनी हुई थी। जबकि दूसरी ओर एशिया में जापान से लेकर कोरिया तक के बाजार लगातार नया शिखर बना रहे थे। अमेरिकी बाजार भी लगातार नये उच्च स्तर पर जा रहे थे। एसऐंडपी 500 इस साल अब तक 36 बार नया शिखर बना चुका है। लेकिन भारतीय बाजार कई बार शिखर के करीब जाकर लुढ़क जा रहे थे।

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