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इस अंतरिम बजट से आर्थिक स्थिरता को मजबूती

नवनीत मुनोट
एमडी और सीईओ, एचडीएफसी एएमसी
महात्मा गांधी के शब्दों में, “किसी समाज की सच्ची पहचान इस बात से की जा सकती है कि वह अपने सबसे कमजोर लोगों के साथ कैसा व्यवहार करता है।” और सरकार ने ज्ञान (GYAN), यानी गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी को केंद्रित करके बिल्कुल यही करने का प्रयास किया है।

पूँजीगत व्यय से बनी रहेगी विकास की गति

ए. बालासुब्रमण्यम
एमडी और सीईओ, आदित्य बिड़ला म्यूचुअल फंड
भारत के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा दिया गया अंतरिम बजट भाषण स्पष्ट रूप से राजकोषीय समेकन (fiscal consolidation), बुनियादी ढाँचे के खर्च, उपभोग और पूँजीगत व्यय पर केंद्रित है।

बढ़ सकता है कल्याण कार्यक्रमों का आवंटन

राजेश रपरिया, सलाहकार संपादक

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिल्ली में वैश्विक आर्थिक नीति फोरम के कार्यक्रम में कहा है कि फरवरी में पेश होने वाला बजट नयी सरकार के गठन तक सरकारी खर्चों का हिसाब-किताब रखेगा।

यह बजट लोक-लुभावना तो हो नहीं सकता

मधुरेंद्र सिन्हा, वरिष्ठ पत्रकार

नया साल आते ही सभी के जेहन में बजट कौंधने लगता है। उस पर चर्चा शुरू हो जाती है, विद्वान तर्क-वितर्क देने लगते हैं।

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