JM Financial Ltd Share Latest News : तिमाही नतीजों को देखें, अहम स्तर का ध्यान रखें
राहुल, सूरत : जेएम फाइनेंशियल का स्टॉक दो साल के नजरिये से कैसा रहेगा?
राहुल, सूरत : जेएम फाइनेंशियल का स्टॉक दो साल के नजरिये से कैसा रहेगा?
सुरेश कुमार जैन : इन्फोसिस का स्टॉक क्या अब खरीदने लायक दिख रहा है?
रोहन, झांसी : क्या अभी जिंदल सॉ, जिंदल वर्ल्डवाइड और आरईसी खरीदना सही रहेगा?
सुशील आनंद : मेरे पास धनलक्ष्मी बैंक के 500 शेयर 25 रुपये के भाव पर हैं। इसमें क्या करना चाहिये?
संकल्प पाटिल : मेरे पास आईडीएफसी के 4000 शेयर 115 रुपये के भाव पर हैं और अब मैं इन्हें बेचना चाहता हूँ। इन्हें किस भाव पर बेचना चाहिये? उचित सलाह दें।
बाजार विशेषज्ञ प्रकाश दीवान ने इस साल दशहरा-दीपावली के उत्सवों के समय अगले एक साल के निवेश के नजरिये से आपके लिए दो खास शेयर चुने हैं।
रमेश केवडिया : पॉलीकैब इंडिया का स्टॉक खरीदना चाहता हूँ, क्या करूँ? हर्ष इंजीनियरिंग को आईपीओ से होल्ड किया है, क्या करूँ?
अभिषेक शर्मा : आरएचआई मैग्नेसिटा इंडिया के शेयर क्या बुनियादी रूप से निवेश के लायक हैं?
अरहम जारा : साधना नाइट्रो केम का लक्ष्य क्या होना चाहिये?
उदय दुबे : मैंने टीडी पावर सिस्टम्स के 100 शेयर 265 रुपये के भाव पर खरीदे हैं। इसमें आपकी सलाह क्या है?
बालकराम चंद्रवंशी : मैंने वेंकीज इंडिया के 200 शेयर 2100 रुपये के भाव पर खरीदे हैं। क्या यह 2200 रुपये तक जा सकता है?
ताज मोहम्मद : विष्णु प्रकाश आर पुंगलिया (VPRPL) में तीन दिन से तेजी है। इसे रखे रहें या सौदा काट लें?
Expert Shomesh Kumar : भू-राजनीतिक हालात के बारे में निर्णायक जबाव कोई भी नहीं दे सकता है। किसी भी भूराजनीतिक संघर्ष से निपटने के लिए आपको ट्रेडिंग और निवेश को अलग-अलग नजरिये से देखना चाहिए। रूस-यूक्रेन के दौरान हमने रूस के बाजारों की हालत देखी थी और अब वे पूरी तरह से उबर चुके हैं।
ट्रेडस्विफ्ट के निदेशक संदीप जैन ने इस साल दशहरा-दीपावली के उत्सवों के समय अगले एक साल के निवेश के नजरिये से आपके लिए दो खास शेयर चुने हैं।
एआरएम रिसर्च के निदेशक ऑनाली रूपानी (Aunali Rupani) बता रहे हैं वे कारण, जिनके चलते कई वर्षों की तेजी के बीच अभी एक नरमी (correction) की संभावना बन सकती है।
Expert Aunali Rupani : क्या इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध से बन जायेंगे 1990-1991 के खाड़ी युद्ध जैसे हालात? उस समय इस युद्ध के चलते बाजार में कई वर्षों की मंदी दिखी थी।