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टाटा पावर की रिन्युएबल एनर्जी कारोबार विस्तार की बड़ी योजना

टाटा पावर की रिन्युएबल कारोबार को बड़े स्तर पर विस्तार की योजना है। टाटा संस चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि कंपनी अगले 5 साल में कारोबार विस्तार पर करीब 75000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।

 टाटा संस चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि कंपनी अगले 5 साल में कारोबार विस्तार पर करीब 75000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। एन चंद्रशेखरन के मुताबिक 10000 करोड़ रुपये की रकम का निवेश वित्त वर्ष 2023 में करने की योजना है। इस निवेश के साथ ही कंपनी का पूंजीगत खर्च वित्त वर्ष 2023 में बढ़कर 14000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी। कंपनी ने वित्त वर्ष 2022 में 707 मेगा वाट रिन्युएबल एनर्जी क्षमता को जोड़ा है। इस नई क्षमता के जुड़ने से कंपनी का ग्रीन पोर्टफोलियो बढ़कर 34 फीसदी हो गया है। कंपनी की अगले 5 साल में इसे बढ़ाकर 60 फीसदी के स्तर पर ले जाने का लक्ष्य है। खास बात यह है कि टाटा पावर ने अपने रिन्युएबल कारोबार के विस्तार की योजना ऐसे समय में बनाई है जब इनके प्रतिद्वंदी कंपनियां जैसे अदानी ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीज भी बड़े स्तर पर इसमें बढ़ोतरी करने के मूड में दिख रहे हैं। आपको बता दें कि सरकार का भी फोकस जीवाश्म ईंधन से हटकर ग्रीन ईंधन पर है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पिछले साल जून में ऐलान किया था कि अगले तीन साल में रिन्युएबल एनर्जी पर 75000 करोड़ रुपये निवेश करेगी। कंपनी फिलहाल 3 सेक्टर्स में निवेश की रणनीति पर काम कर रही है। इसमें सोलर पावर, हाइड्रोजन उत्पादन के साथ एनर्जी स्टोरेज शामिल है, जो न्यू एनर्जी एंड न्यू मटीरीयल डिविजन में शामिल है। इसके अलावा रिन्युएबल एनर्जी प्रोजेक्ट की फाइनेंसिंग के लिए एक प्लैटफॉर्म भी बनाया जाएगा। इसके जरिए इन सेक्टर्स में लंबी अवधि के लिए प्रोजेक्ट्स के लिए फंड जुटाया जाएगा। वहीं अदाना एंटरप्राइजेज ने पिछले साल सितंबर में ऐलान किया था कि वह रिन्युएबल एनर्जी में अगले 10 साल में करीब 1.48 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी। कंपनी की यह रकम रिन्युएबल एनर्जी से जुड़े सप्लाई चेन,पावर जेनरेशन, मैन्युफैक्चरिंग, ट्रांसमिशन और वितरण शामिल है। टाटा पावर देश की पहली ऐसी कंपनी है जिसने नेट कार्बन जीरो का लक्ष्य तय किया है। टाटा पावर के प्रबंध निदेशक प्रवीर सिन्हा ने कहा कि कंपनी कार्बन उत्सर्जन के मामले में कोल आधारित पावर इकाई से नेट जीरो

की ओर 2050 तक बढ़ेगी। खास बात यह है कि कंपनी ने अपने पहले के लक्ष्य साल 2050 को घटाकर 2045 कर दिया है। इसका मतलब कंपनी अब 5 साल पहले ही नेट कार्बन जीरो के तय लक्ष्य को हासिल करेगी। इसके अलावा 2030 तक 100 फीसदी वाटर न्यूट्रल और जीरो वेस्ट का लक्ष्य हासिल करना है। एन चंद्रशेखरन के मुताबिक तमिनलाडु में 4 गीगा वाट क्षमता वाला सोलर सेल और मॉड्यूल उत्पादन क्षमता वाली इकाई लगाएगी।कंपनी इस प्रोजेक्ट पर करीब 3000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इस दिशा में राज्य सरकार के साथ पिछले हफ्ते ही समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए गए हैं। कंपनी के पास सोलर एनर्जी का 13000 करोड़ रुपये का ऑर्डर बुक है जिसमें इंजीनियरिंग,प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन शामिल है। इसके अलावा कंपनी ग्राहकों की जरुरत के मुताबिक नए जमाने के एनर्जी सॉल्यूशन भी विकसित करने पर फोकस कर रही है। इसमें सोलर रुफटॉप, स्मार्ट मीटर और एनर्जी प्रबंधन सॉल्यूशन शामिल हैं। एन चंद्रशेखरन के मुताबिक कंपनी ने रिन्युएबल एनर्जी प्लैटफॉर्म विकसित करने के लिए रणनीतिक साझेदारी का ऐलान किया है जिसके तहत करीब 4000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाना है।

 

(शेयर मंथन, 11 जुलाई 2022)

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