शिपरॉकेट ने ओमनिचैनल टेक कारोबार ओम्यूनी (Omuni) का अधिग्रहण किया है। कंपनी ने यह अधिग्रहण कपड़े की कंपनी अरविंद से 200 करोड़ रुपये में किया है। शिपरॉकेट ने आपको बता दें कि शिपरॉकेट आधुनिक तकनीक से लैस लॉजिस्टिक स्टार्टअप है।
यह सौदा नकदी के साथ इक्विटी में भी होगा। शिपरॉकेट ने यह अधिग्रहण लॉजिस्टिक कंपनी Pickrr में ज्यादातर हिस्से की खरीद के करीब 1 महीने बाद किया है। शिपरॉकेट ने यह अधिग्रहण 20 करोड़ डॉलर में किया है। यह अधिग्रहण भी नकदी के साथ इक्विटी में होगा। शिपरॉकेट की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 200 करोड़ रुपये के इस अधिग्रहण में शेयर और नकदी का इस्तेमाल होगा। शिपरॉकेट के मुताबिक इन दोनों अधिग्रहण से डिलिवरी तेजी से और सक्षम तरीके से हो पाएगा। शिपमेंट की डिलिवरी नजदीक के स्टोर या वेयरहाउस से करना काफी आसान हो जाएगा। इससे समय की बचत के साथ ग्राहकों को भी बेहतर अनुभव मिलेगा। कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ज्यादातर रिटेलर्स अभी ओमनीचैनल रिटेल रणनीति अपना रही हैं। यह काम ग्राहकों को लुभाने के लिए डिजिटल और फिजिकल स्टोर पर किया जा रहा है। इस अधिग्रहण से ग्राहकों को बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी। शिपरॉकेट और ओम्यूनी डायरेक्ट टू कंज्यूमर (D2C) कॉमर्स सेगमेंट में बड़े इंटीग्रल साझेदार के तौर पर विकसित होंगे। शिपरॉकेट का दावा है कि उसके पास 2.5 लाख सेलर्स ग्राहक के तौर पर मौजूद हैं जो सालाना 250 करोड़ डॉलर का कारोबार करते हैं। शिपरॉकेट के को-फाउंडर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी साहिल गोयल ने कहा कि मुझे इस बात का ऐलान करते हुए खुशी हो रही है कि शिपरॉकेट परिवार का दायरा बढ़ता जा रहा है। ओम्यूनी के सॉफ्टवेयर एज ए सर्विस (SaaS) उत्पाद के जरिए इन्वेंट्री, ऑर्डर, कैटेलॉग,कन्टेंट, प्राइसिंग और डाटा को ग्राहकों के लिए फिजिकल के साथ-साथ डिजिटल तरीके से पहुंचाने में मदद मिलेगी। ओम्यूनी के साथ मिलकर शिपरॉकेट ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक को ओमनीचैनल रिटेल नेटवर्क के जरिए दोबारा पारिभाषित करने का लक्ष्य है।
शिपरॉकेट के मुताबिक कंपनी सालाना 7 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों को पैकेट डिलिवर करती है। साथ ही सालाना आधार पर ट्रांजैक्शन 2.5-3 गुना की दर से बढ़ रही है। कंपनी शिपरॉकेट में तकनीकी डिविजन के विलय पर बहुत ही खुश है। हमने ओम्यूनी को इंडस्ट्री के नामी उत्पाद के तौर पर विकसित किया है। खास बात यह है कि इस उत्पाद का इस्तेमाल देश के सबसे बड़े ब्रांड करते हैं।
(शेयर मंथन, 19 जुलाई 2022)
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