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सेंसहॉक में 79.4 फीसदी हिस्सा खरीदेगी रिलायंस इंडस्ट्रीज

रिलायंस इंडस्ट्रीज अमेरिका की एक कंपनी का अधिग्रहण करेगी। यह कंपनी सोलर ऊर्जा से जुड़े सॉफ्टवेयर बनाती है। रिलायंस इंडस्ट्रीज 3.2 करोड़ डॉलर यानी 256 करोड़ में अधिग्रहण करेगी।

 रिलायंस इंडस्ट्रीज कैलिफोर्निया की कंपनी SenseHawk में ज्यादातर हिस्सा खरीदेगी। रिलायंस इंडस्ट्रीज सेंसहॉक (SenseHawk) में 79.4 फीसदी हिस्सा खरीदेगी। रिलायंस इंडस्ट्रीज की ओर से किए गए इस अधिग्रहण का मकसद रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देना है। कंपनी की ऑयल और केमिकल कारोबार में रिन्युएबल एनर्जी के इस्तेमाल को बढ़ाना है। सेंसहॉक का गठन 2018 में हुआ। कंपनी सोलर एनर्जी से जुड़े टूल्स (साधन) विकसित करती है। इन साधनों के इस्तेमाल से प्रक्रियाएं स्ट्रीमलाइन होने के साथ ऑटोमेशन का उपयोग भी बढ़ेगा। कंपनी की वित्त वर्ष 2022 में 23 लाख डॉलर आय रही थी। रिलायंस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कंपनी ने सेंसहॉक में ज्यादातर हिस्सा खरीदने के लिए समझौता किया है। कंपनी हिस्सा खरीद के लिए 3.2 करोड़ डॉलर का निवेश करेगी। इसमें भविष्य ग्रोथ के लिए फंडिंग, व्यावसायिक तौर पर उत्पाद को बाजार में उतारने के साथ रिसर्च और विकास भी शामिल है। सेंसहॉक प्रक्रियायों को स्ट्रीमलाइन करने के साथ ऑटोमेशन के जरिए सोलर प्रोजेक्ट की योजनाऔर उत्पादन को बढ़ाने में मदद करेगी। कंपनी ने 15 देशों के 140 ग्राहकों के लिए काम किया है। कंपनी ने नई तकनीक के जरिए 600 से ज्यादा जगहों पर प्रोजेक्ट विकसित किया है। कंपनी ने अभी तक 100 गीगा वाट से ज्यादा के एनर्जी प्रोजेक्ट को विकसित किया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुताबिक अधिग्रहण की प्रक्रिया साल के अंत तक पूरी होने की उम्मीद है। पिछले 2 साल में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने न्यू एनर्जी में क्षमता बढ़ाने के लिए निवेश 160 करोड़ डॉलर का निवेश किया है। कंपनी ने यह रकम ईपीसी (EPC) तकनीक और सप्लाई चेन पर किया है। सेंसहॉक के साथ न्यू एनर्जी में दूसरे निवेश से कंपनी अपने ग्राहकों के लिए बेहतर वैल्यू का निर्माण कर पाएगा। अधिग्रहण के मौके पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा कि उनकी कंपनी ग्रीन एनर्जी सेक्टर में क्रांति लाने को प्रतिबद्ध है। कंपनी की 2030 तक 100 गीगा वाट एनर्जी का विजन है। सेंसहॉक के अधिग्रहण के साथ लागत में कमी, उत्पादकता में बढ़ोतरी और प्रदर्शन में सुधार देखने को मिलेगा। इससे वैश्विक स्तर पर सोलर प्रोजेक्ट की लागत में कमी आएगी। इससे एलसीओई (LCoE) यानी लेवलाइज्ड कॉस्ट ऑफ एनर्जी निचले स्तर पर आ जाएगा। सेंसहॉक की एक शुरुआती तौर पर सॉफ्टवेयर आधारित मैनेजमेंट टूल्स बनाने वाली कंपनी है जिसका इस्तेमाल सोलर एनर्जी उत्पादन करने वाले इंडस्ट्री में होता है। कंपनी का ऑपरेशंस अमेरिका, यूएई (UAE) और भारत में है।

(शेयर मंथन 11 सितंबर, 2022)

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