
एरिस लाइफसाइंसेज ने 9 डर्मैटोलॉजी (त्वचा) ब्रांड का अधिग्रहण किया है। कंपनी ने यह अधिग्रहण दवा कंपनी डॉ रेड्डीज लेबोरेट्रीज से 275 करोड़ रुपए में किया है। एरिस लाइफसाइंसेज की ओर से अधिग्रहण किए गए ब्रांड्स में ज्यादातर कॉस्मेटिक सेगमेंट के हैं जिसमें मुंहासे को रोकने के लिए मॉइस्चराइजर, क्लीनसर्स, बढ़ती उम्र को रोकने के लिए एंटी एजिंग बालों के स्वास्थ्य जैसे ब्रांड्स शामिल हैं।
इस अधिग्रहण के बाद डर्मैटोलॉजी (त्वचा) के बाजार में कंपनी का तीसरा रैंक हो जाएगा। इसके साथ ही कंपनी की बाजार भागीदारी 7 फीसदी है। कंपनी पिछले साल मई में ओकनेट हेल्थकेयर के अधिग्रहण के जरिए त्वचा सेगमेंट में प्रवेश कर गई है। कंपनी ने ओकनेट हेल्थकेयर का अधिग्रहण 650 करोड़ रुपए में किया था। इसके साथ ही कंपनी ने 2023 के जनवरी महीने में ग्लेनमार्क फार्मा के 9 डर्मैटोलॉजी ब्रांड्स का अधिग्रहण किया था। कंपनी ने यह अधिग्रहण 340 करोड़ रुपए में किया था। कंपनी मौजूदा वित्त वर्ष में डर्मैटोलॉजी फ्रेंचाइजी को मजबूत करने के लिए अब तक 1,265 करोड़ रुपए का निवेश कर चुकी है। कंपनी के 2007 में शुरू होने से 13 साल के बाद आय 1000 करोड़ रुपए के पार गई है।
एरिस लाइफसाइंसेज के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अमित बख्शी ने कहा कि, कंपनी को भरोसा है कि अगले 1000 करोड़ रुपए की आय अगले 4 साल में ही हासिल कर लेगी। कंपनी आंतरिक स्रोतों के अलावा बाहर से भी फंड जुटाएगी। एरिस लाइफसाइंसेज का शेयर बीएसई पर 0.84% गिरकर 586.15 रुपए प्रति शेयर पर बंद हुआ।
(शेयर मंथन, 16 मार्च, 2023)
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