शेयर मंथन में खोजें

कॉटन को 36,100-37,680 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना - एसएमसी

मुनाफा वसूली के कारण कॉटन वायदा (मार्च) की कीमतों में शुक्रवार को 1% की गिरावट हुई है।

कीमतें तेजी के रुझान के साथ 36,100-37,680 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। उत्पादन में कमी की आशंका और निर्यात के लिए कच्चे कपास की अधिक माँग के कारण वर्तमान समय में कपास की कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 63.4% अधिक हैं जबकि इस वर्ष अब तक 7.34% बढ़ी है। सरकार ने वर्ष 2021-22 के दूसरे अग्रिम अनुमान के तहत कपास का उत्पादन पहले अनुमान के 362 लाख बेल की तुलना में 340 लाख बेल होने का अनुमान लगाया है। इसके पहले सीएआई ने 2021-22 सीजन में कपास के उत्पादन अनुमान को 12.00 लाख बेल घटाकर के 348.13 लाख बेल (1 बेल 170 किलोग्राम का) कर दिया है जबकि पिछला अनुमान 360.13 लाख बेल उत्पादन का था, जबकि घरेलू खपत में 10 लाख बेल की बढ़ोतरी हुई। यूएसडीए ने अपनी मासिक रिपोर्ट में भारत में कपास के उत्पादन को पिछले महीने के 28 मिलियन बेल से घटाकर 27.5 मिलियन बेल कर दिया है जबकि सबसे बड़े निर्यातक अमेरिका में कपास के उत्पादन में 3.61% की कटौती करके 17.6 मिलियन बेल कर दिया गया है।
शॉर्ट कवरिंग के कारण ग्वारसीड वायदा (मार्च) की कीमतों में शुक्रवार को 3.7% की उछाल के साथ बंद हुई। वर्तमान में, कम उत्पादन, कई वर्षो में कम स्टॉक और अच्छी निर्यात माँग की संभावना से कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 53.4% अधिक हैं। तेल रिग की संख्या भी पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 248 अधिक है। दिसंबर में, ग्वारगम का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 32% बढ़कर 32,420 टन हो गया, जबकि 2021-22 (अप्रैल-दिसंबर) में निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 42.6% बढ़कर 2.41 लाख टन हो गया। कच्चे तेल की ऊँची कीमतें और अमेरिका में रिग काउंट में बढ़ोतरी ग्वारगम की माँग के लिए अच्छी खबर है और आने वाले हफ्तों में कीमतों को सहारा मिल सकता है।
कैस्टरसीड वायदा (मार्च) की कीमतें शुक्रवार को 0.7% की बढ़त के साथ बंद हुई। लेकिन हाजिर बाजारों में नयी आवक के कारण कीमतों पर दबाव है। अब कीमतें 6,640-6,980 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। वर्तमान में कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 54% अधिक है। सरकार ने वर्ष 2021-22 के दूसरे अग्रिम अनुमान के तहत अरंडी का उत्पादन 15.08 लाख टन होने का अनुमान लगाया है जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 8.5% कम है। गुजरात कृषि विभाग के दूसरे अग्रिम अनुमान ने अरंडी के उत्पादन को 1 लाख टन घटाकर 13.02 लाख टन कर दिया, जबकि पहले अनुमान में यह 14 लाख टन था। पिछले साल 13.45 लाख टन उत्पादन हुआ था। अप्रैल-दिसम्बर के दौरान अरंडी तेल का निर्यात पिछले साल के लगभग बराबर 5.15 लाख टन हुआ है। इसी तरह (अप्रैल-दिसंबर) के दौरान अरंडीमील के निर्यात में 4.64% की गिरावट हुई है। (शेयर मंथन, 28 फरवरी 2022)

Add comment

कंपनियों की सुर्खियाँ

निवेश मंथन : डाउनलोड करें

बाजार सर्वेक्षण (जनवरी 2023)

Flipkart

विश्व के प्रमुख सूचकांक

निवेश मंथन : ग्राहक बनें

शेयर मंथन पर तलाश करें।

Subscribe to Share Manthan

It's so easy to subscribe our daily FREE Hindi e-Magazine on stock market "Share Manthan"