भारतीय शेयर बाज़ार में पिछले कुछ हफ्तों से जिस तरह की तेजी देखने को मिल रही है, उसने निवेशकों के बीच उत्साह बढ़ा दिया है। ऐसा महसूस हो रहा है मानो सितंबर 2024 का वही तेज़ी भरा माहौल दोबारा लौट आया हो
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च हेड सिद्धार्थ के अनुसार, इस तेजी के पीछे कई सकारात्मक कारक एक साथ काम कर रहे हैं। सबसे बड़ा पहलू है भारत–अमेरिका ट्रेड डील पर बढ़ती स्पष्टता। लंबे समय से अटकी यह डील अब समाधान की ओर बढ़ती दिख रही है, और सरकार के तेज प्रयासों ने बाज़ार की धारणा को मजबूती दी है। इससे विदेशी निवेशकों का विश्वास भी बढ़ा है।दूसरा अहम पहलू है कॉपोरेट अर्निंग्स में सुधार। पिछले दो–तीन तिमाहियों से कंपनियों के नतीजे दबाव में थे, लेकिन Q2 FY25 में आखिरकार रिकवरी के संकेत दिखे हैं। कई सेक्टर्स, खासकर घरेलू मांग वाले क्षेत्रों में परिणाम बेहतर रहे हैं, जिसने निवेशकों को नई उम्मीद दी है। घरेलू आर्थिक संकेतकों में सुधार, नीतिगत फैसलों की अनुकूलता और अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर सकारात्मक संकेतों ने भारतीय बाजार को फिर से मजबूती दी है।
(शेयर मंथन, 26 नंवबर 2025)
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