VRL लॉजिस्टिक्स में नए खरीदारों को मौजूदा दामों पर निवेश करना चाहिए या नहीं, खासकर बोनस के बाद की स्थिति को देखते हुए। इस समय कंपनी का प्राइस-टू-अर्निंग (P/E) अनुपात सापेक्ष रूप से अच्छा दिखता है, लेकिन यदि बिक्री (Sales) और मुनाफ़ा (Profit) की वृद्धि दर कमजोर रहती है, तो यह आकर्षक वैल्यूएशन लंबे समय तक टिक नहीं पाएगा।
इसपे बाजार विश्लेषक शोमेश कुमार का कहना है कि लॉजिस्टिक्स सेक्टर मूलतः अर्थव्यवस्था और इन्फ्रास्ट्रक्चर ग्रोथ का प्रत्यक्ष खेल है। जब अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ती है और इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ता है, तब लॉजिस्टिक्स कंपनियों को सीधा लाभ मिलता है। लेकिन वर्तमान परिदृश्य में विकास की रफ्तार कुछ धीमी है। यही कारण है कि VRL लॉजिस्टिक्स की ग्रोथ दर पहले जैसी नहीं दिख रही। यदि बिक्री और ईपीएस (EPS) की वृद्धि सीमित रहती है, तो भविष्य में पी/ई अनुपात अपने आप महंगा लगने लगेगा।
(शेयर मंथन, 22 अगस्त 2025)
(आप किसी भी शेयर, म्यूचुअल फंड, कमोडिटी आदि के बारे में जानकारों की सलाह पाना चाहते हैं, तो सवाल भेजने का तरीका बहुत आसान है! बस, हमारे व्हाट्सऐप्प नंबर +911147529834 पर अपने नाम और शहर के नाम के साथ अपना सवाल भेज दें।)