सरकारी घाटे को नजरअंदाज करना बेवकूफी: कवि
इस अंतरिम बजट में सरकारी खजाने का घाटा (फिस्कल डेफिसिट) बढ़ कर 6% होने के अनुमान ने कई बाजार विश्लेषकों की चिंता को बढ़ा दिया है। मल्टीपल एक्स कैपिटल के सीईओ कवि कुमार का कहना है कि यह चेतावनी की घंटी है, क्योंकि इसमें अगर राज्य सरकारों के घाटे को भी मिला दें, तो कुल मिला कर जीडीपी के 11-12% के बराबर घाटा होता है। उनके मुताबिक यह ज्यादा चिंता की बात इसलिए है कि केवल सितंबर के बाद से धीमापन आने का इतना तीखा असर दिख रहा है।
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अंतरिम बजट 2009-10 ने उद्योग जगत और शेयर बाजार को निराश किया है। हालाँकि यह अंतरिम बजट था जिसमें आम तौर पर बड़ी घोषणाएँ नहीं की जाती हैं, लेकिन मौजूदा आर्थिक संकट को देखते हुए सरकार से एक राहत योजना की उम्मीद की जा रही थी। लेकिन इस अंतरिम बजट में ऐसा कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया, जिससे अर्थव्यवस्था को बड़ा सहारा मिलने की उम्मीद लगायी जा सके। अब उद्योग जगत इस बात से चिंतित है कि चुनावी दौर शुरू होने की वजह से अगले 3-4 महीनों तक केंद्र सरकार से कोई नीतिगत मदद नहीं मिल सकेगी।
राजीव रंजन झा
देवेन चोकसी, एमडी, केआर चोकसी सिक्योरिटीज