वर्तमान समय में भारतीय अर्थव्यवस्था और शेयर बाज़ार में कंजम्प्शन (खपत) सबसे बड़ा सहारा बनकर उभर रहा है। आने वाले 2–3 सालों में क्या होने वाला है?
मार्केटस्मिथ इंडिया के मयूरेश जोशी ने कहा कि आने वाले 2–3 वर्षों में उपभोग आधारित अनुभव (Consumption Experience) को सबसे बड़ा थीम माना जा रहा है। इसका मतलब यह है कि कंपनियों की आय और विकास की दिशा अब सीधे तौर पर उपभोक्ताओं की मांग और उनकी खर्च करने की क्षमता पर निर्भर करेगी। यदि यह रुझान जारी रहा तो कई सेक्टर में आय की रफ़्तार (Earnings Trajectory) में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। खपत आधारित अर्थव्यवस्था आने वाले वर्षों में सीमेंट, धातु, ऊर्जा और उपभोक्ता सामान (FMCG) जैसे क्षेत्रों में नई संभावनाओं को जन्म देगी। कंपनियों के लिए यह समय होगा कि वे अपने व्यापार मॉडल को उपभोक्ता-केंद्रित बनाते हुए निवेश और उत्पादन क्षमता पर जोर दें। इससे आने वाले वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती और स्थिरता दोनों मिल सकती हैं।
(शेयर मंथन, 11 सितंबर 2025)
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