मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA)की एक विशेष अदालत ने शनिवार को विजय माल्या को आर्थिक अपराधी और भगोड़ा घोषित कर दिया।
विजय माल्या की संपत्तियों को अब सरकार द्वारा जब्त किया जा सकता है। विजय माल्या की तरफ से अपील करने के लिए समय की माँग की गयी, लेकिन विशेष पीएमएलए कोर्ट ने समय देने से इनकार कर दिया।
आर्थिक अपराधियों पर बनाये गये अधिनियम के तहत सबसे पहले शराब कारोबारी विजय माल्या को आर्थिक अपराधी और भगोड़ा घोषित किया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पहले विशेष अदालत के समक्ष एक आवेदन दायर किया था, जिसमें माल्या को आर्थिक अपराध अधिनियम, 2018 के तहत भगोड़ा घोषित करने का अनुरोध किया गया था।
आर्थिक अपराध अधिनियम 2018 के प्रावधानों के अनुसार, एक भगोड़ा अपराधी वह व्यक्ति है, जिसके खिलाफ अनुसूचित अपराध के संबंध में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है और जिस पर आपराधिक मुकदमा या बचने के लिए देश छोड़कर विदेश भाग गया हो और आपराधिक मुकदमे का सामना करने के लिए भारत लौटने से इनकार कर रहा हो। एक बार जब व्यक्ति को आर्थिक अपराधी और भगोड़ा घोषित कर दिया जाता है, तो अभियोजन एजेंसी उसकी संपत्तियों को जब्त कर सकती है।
इससे पहले दिसंबर 2018 में, यूके की एक अदालत ने माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश दिया था, जिसके बाद उसने कहा था कि वह इस आदेश पर विचार करेंगे और अध्ययन करेंगे और फिर उनके वकील अपील दायर करेंगे। (शेयर मंथन, 05 जनवरी 2019)