सोमवार 04 जनवरी 2016 को चीन से आती खबरों ने दुनिया भर में हलचल मचा दी। खुद चीन के बाजार में तो इतनी तीखी गिरावट रही कि कारोबार रोक देना पड़ा। चीन में नये साल के पहले कारोबारी दिन 04 जनवरी को सत्र के मध्य में कारोबार रोकने से पहले शंघाई कंपोजिट 6.86% गिर चुका था। इसका असर यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी 2-4% तक और एशिया के बाजारों में 2-3% की गिरावट के रूप में नजर आया। भारत में सेंसेक्स और निफ्टी 50 करीब 2% टूट गये। चीन के बाजार का यह ताजा झटका वहाँ आर्थिक आँकड़ों में फिर से कमजोरी झलकने की वजह से लगा है। चीन में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई का आँकड़ा नवंबर 2015 के 48.6 से घट कर दिसंबर 2015 में 48.2 पर आ गया।
बीएसई का सेंसेक्स (Sensex) एक बार फिर 26,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर के नीचे फिसल गया। हालाँकि सुबह के शुरुआती कारोबार में यह 26,116.52 के ऊपरी स्तर तक गया था, मगर अंतिम घंटों में यह 25,596.57 के निचले स्तर तक गिरा। अंत में यह 537.55 अंक या 2.05% की भारी गिरावट के साथ 25,623.35 पर बंद हुआ।
एनएसई का निफ्टी 50 (Nifty 50) 7937.55 के ऊपरी स्तर से 7781.10 तक फिसलने के बाद अंत में 171.90 अंक या 2.16% की बड़ी चोट सहते हुए 7791.30 पर बंद हुआ। छोटे-मँझोले शेयरों के सूचकांकों में भी कमजोरी बनी रही, हालाँकि उनकी गिरावट सेंसेक्स और निफ्टी 50 की तुलना में कम रही। बीएसई मिडकैप 1.20% की कमजोरी के साथ बंद हुआ, जबकि बीएसई स्मॉलकैप में 1.11% की गिरावट आयी। एनएसई के निफ्टी मिडकैप 100 में 0.82% का नुकसान दर्ज हुआ और निफ्टी स्मॉल 100 भी 1.19% नीचे फिसला। (शेयर मंथन, 04 जनवरी 2016)
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