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धनिया में नरमी का रुझान, जबकि जीरे में हो सकती है गिरावट - एसएमसी

हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 7,150-7,350 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।

हल्दी की कीमतें माँग और आपूर्ति के मिले-जुले रुझान के बीच कारोबार कर रही हैं। सूत्रों के अनुसार हल्दी का उत्पादन पिछले वर्ष के 65 लाख बैग की तुलना में लगभग 55-60 लाख बैग होने का अनुमान है, जबकि शुरुआती स्टॉक लगभाग 22 लाख बैग रहने का अनुमान है। इसके विपरीत निर्यात माँग बहुत अच्छी नही है, लेकिन अधिकतम आवक के दिनों में नयी फसल की आवक में बढ़ोतरी होने पर मांग में वृद्धि हो सकती है। जीरा वायदा (मार्च) की कीमतों में गिरावट होने की संभावना है और कीमतों में 15,600 रुपये तक गिरावट हो सकती है। माँग की तुलना में आपूर्ति काफी अधिक होने के कारण कीमतों में नरमी का सेंटीमेंट है। वर्तमान समय में नयी फसल की आवक के कारण बिकवाली का दबाव है और आगामी दिनों में प्रतिदिन लगभग 20,000-25,000 बैग की आवक होने की संभावना है। कारोबारियों को 2018-19 में लगभग 65-70 लाख बैग जीरा उत्पादन का अनुमान है। धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतें 5,450-5,400 रुपये तक लुढ़क सकती है। घरेलू बाजारों में माँग काफी कम है और खरीदार बड़ी खरीदारी से दूरी बनाये हुए है, क्योंकि उन्हें अधिकतम आवक के दिनों में कीमतों में गिरावट होने की उम्मीद है। बेंचमार्क कोटा बाजार में धनिया की आवक में बढ़ोतरी हो रही है, क्योंकि नयी फसल की आवक में बढ़ोतरी होने के बाद कीमतों में गिरावट होने की आशंका से स्टॉकिस्ट और किसान अपने पुराने स्टॉक को जल्दी से बेचना चाहते हैं। फरवरी के मध्य तक धनिया की नयी फसल की आवक में तेजी आने की संभावना है, क्योंकि उत्पादन क्षेत्रों में फसल पूरी तरह से कटाई के लिए तैयार है। (शेयर मंथन, 19 फरवरी 2018)

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