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कच्चे तेल की कीमतों में तेजी का रुझान - एसएमसी

कच्चे तेल की कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना हैं और कीमतों को 5,350 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 5,260 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।

कम होते भंडार और माँग में सुधार से तेल की कीमतों में आज भी तेजी दर्ज की गयी। कच्चे तेल की माँग को लेकर आउटलुक बहुत मजबूत है क्योंकि अमेरिका, यूरोप और एशिया में रिकवरी अगले साल की दूसरी छमाही में कोविड से पहले स्तर पर वापस आ जायेगी। मंगलवार को अमेरिकी पेट्रोलियम संस्थान के आँकड़ों के अनुसार, 11 जून को समाप्त में अमेरिकी तेल के भंडार में 8.5 मिलियन बैरल की गिरावट हुई। प्रमुख तेल व्यापारियों के अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि कीमतें 70 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर रहेंगी और 2022 की दूसरी छमाही में माँग पूर्व-महामारी के स्तर पर लौट आयेगी। यहाँ तक कि अगर संयुक्त राज्य अमेरिका परमाणु समझौते में शामिल होता है और प्रतिबंधें को हटाता है और ईरानी निर्यात की वापसी भी होती है तो भी तेल की कीमतों में तेजी की तस्वीर बदलने की संभावना नहीं है। तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर 2015 के समझौते के लिए अन्य दलों के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका और ईरान के बीच अप्रत्यक्ष चर्चा शनिवार को वियना में फिर से शुरू हुई । सौदे में अमेरिका की वापसी ईरान पर प्रतिबंध हटाने का मार्ग प्रशस्त करेगी जो ओपेक सदस्य को कच्चे तेल के निर्यात को फिर से शुरू करने की अनुमति देगा। रूस सहित प्रमुख उत्पादकों के साथ पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) के अन्य सदस्य महामारी के बीच कीमतों का समर्थन करने के लिए उत्पादन में कटौती कर रहे हैं।

नेचुरल गैस की कीमतों में कम दायरे में कारोबार रहने की संभावना है और कीमतों को 234 रुपये के स्तर पर सहारा और 239 रुपये के स्तर पर अड़चन रह सकता है। (शेयर मंथन, 16 जून 2021)

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