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एनसीएलटी (NCLT) से एचडीएफसी और एचडीएफसी बैक के विलय को मंजूरी

एनसीएलटी (NCLT) ने एचडीएफसी (HDFC) और इसके सब्सिडियरीज का ग्रुप की बैंकिंग सब्सिडियरी एचडीएफसी (HDFC) बैंक के साथ विलय को मंजूरी दे दी है। कंपनी ने पिछले साल विलय का ऐलान किया था।
यह विलय भारतीय कॉर्पोरेट जगत के सबसे बड़े विलय में से एक है।

 एनसीएलटी से मंजूरी मिलने के बाद विलय की प्रक्रिया एक कदम और आगे बढ़ गई है। इस विलय को भारतीय रिजर्व बैंक से मंजूरी मिलना बाकी है। हालांकि प्रस्तावित विलय को भारतीय रिजर्व से सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है। यह विलय करीब 4000 करोड़ अमेरिकी डॉलर का है। आपको बता दें कि इंश्योरेंस रेगुलेटरी डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी आईआरडीएआई (IRDAI) और पेंशन फंड रेगुलेटरी ऐंड डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी पीएफआरडीए (PFRDA) से मंजूरी पहले ही मिल चुकी है। इस विलय को दोनों एक्सचेंज यानी बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) से पिछले साल दिसंबर में ही मंजूरी मिल चुकी है। पिछले महीने एनसीएलटी की मुंबई बेंच से एचडीएफसी की रियल एस्टेट सब्सिडियरी को कंपनी के साथ विलय को मंजूरी मिल चुकी है। इससे पहले इंश्योरेंस कारोबार और म्यूचुअल फंड्स कारोबार का विलय बैंक के साथ हो चुका है। एचडीएफसी को उम्मीद है कि विलय प्रक्रिया अगले वित्त वर्ष यानी 2023-24 की तीसरी तिमाही से प्रभावी हो जाएगा। एचडीएफसी के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक से मंजूरी मिलना एक लंबी प्रक्रिया है। विलय के बाद बनी कंपनी की संयुक्त तौर पर संपत्ति करीब 18 लाख करोड़ रुपए हो जाएगी।

(शेयर मंथन, 19 मार्च, 2023)

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