हफ्ते के पहले दिन सोमवार को बाकी ज्यादातर एशियाई बाजारों में कमजोरी के बावजूद भारतीय शेयर बाजार कमजोरी से बचने की कोशिश करता रहा।
यहाँ बाजार में जीएसटी लागू होने की उम्मीदें बढ़ने की वजह से बीच-बीच में सकारात्मक रुझान भी बनता रहा, मगर कमजोर अंतरराष्ट्रीय संकेतों का असर भी हावी होता रहा। इसके चलते बाजार आज मोटे तौर पर सपाट रहते हुए कई बार लाल से हरे निशान के बीच झूलता रहा और अंत में बिना किसी खास बदलाव के ही बंद हुआ। बीएसई का सेंसेक्स केवल 17 अंक या 0.07% की बढ़त के साथ 26,146 पर बंद हुआ। दूसरी ओर एनएसई का निफ्टी 50 (Nifty 50) 7 अंक या 0.09% की गिरावट दर्ज कर 7,935 पर बंद हुआ। ऐसा कम ही होता है, जब सेंसेक्स और निफ्टी 50 में एक हरे निशान में और दूसरा लाल निशान में हो।
दरअसल शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से चाय पर मुलाकात के बाद ऐसी उम्मीदें बढ़ गयी हैं कि अभी चल रहे संसद के शीतकालीन सत्र में ही जीएसटी विधेयक पारित हो सकता है। लेकिन दूसरी ओर चीन के शेयर बाजार में आज काफी उथल-पुथल देखने को मिली। ऐसी खबरें सामने आयीं कि वहाँ ब्रोकरों की जाँच का दायरा बढ़ गया है, जिसके बाद शंघाई कंपोजिट में 3% से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली। हालाँकि बाद में यह वापस सँभल भी गया और अंत में 0.26% ऊपर बंद हुआ।
भारतीय बाजार में मँझोले शेयरों का सूचकांक बीएसई मिडकैप हरे निशान के साथ सपाट रुझान में रहा और केवल 0.05% ऊपर बंद हुआ। लेकिन छोटे शेयरों का सूचकांक बीएसई स्मॉलकैप 0.79% की मजबूती दर्ज करने में सफल रहा। एनएसई में निफ्टी मिडकैप 100 ने 0.15% और निफ्टी स्मॉल 100 ने 1.07% की बढ़त हासिल की।
सेंसेक्स के दिग्गज शेयरों में से इन्फोसिस ने 2.08%, आईसीआईसीआई बैंक ने 1.67%, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा 1.41%, टाटा मोटर्स ने 1.39%, बजाज ऑटो ने 1.34% और लार्सन ऐंड टुब्रो ने 0.75% की बढ़त दिखायी। दूसरी ओर आज ही 60,000 करोड़ रुपये की निवेश योजना का ऐलान करने वाली प्रमुख दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल का शेयर सेंसेक्स में सबसे कमजोर रहा और 2.09% नीचे बंद हुआ। सेंसेक्स के अन्य सबसे कमजोर शेयरों में वेदांत (-1.96%), कोल इंडिया (-1.65%), ल्युपिन (-1.31%), सन फार्मा (-1.26%) और एनटीपीसी (-1.21%) प्रमुख रहे। (शेयर मंथन, 30 नवंबर 2015)
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