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अनबिके मकानों की संख्या दो सालों में 30 महीनों के निचले स्तर पर

अनुज पुरी, चेयरमैन, एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स
भारतीय घर खरीदार धीरे-धीरे बाजार की तरफ लौट रहे हैं। घर खरीदार इस साल की शुरुआत में जीएसटी और आवासीय ऋण की दरों में कटौती और संपत्ति की अनुकूल कीमतों का फायदा उठा रहे हैं।

प्रमुख रियल एस्टेट सेवा प्रदाता एनारॉक के ताजा आँकड़ों से पता चलता है कि 2019 की पहली तिमाही में देश के मुख्य 7 शहरों में अनबिके घरों की इन्वेंटरी 30 महीनों के निचले स्तर तक पहुँच गयी, जो 2017 की समान अवधि में 50 महीनों के निचले स्तर पर थी।
बता दें कि महीनों में मापी गयी इन्वेंटरी दर्शाती है कि मौजूदा अनबिके घर आने वाले कितने में महीनों में बिक सकते हैं। किसी भी अवधि में 18-24 महीनों में बिक सकने वाली इनवेंट्री को बेहतर माना जाता है।
2017 की जनवरी-मार्च तिमाही में देश के मुख्य 7 शहरों में घरों की केवल 46,000 इकाइयाँ बिकी थीं। इसके बाद अगले 2 सालों में 2019 की समान तिमाही में यह 71% की जोरदार बढ़ोतरी के साथ 78,520 इकाई पर पहुँच गयी।
एनारॉक प्रॉपर्टी के चेयरमैन अनुज पुरी का मानना है कि शहरों में औसत संपत्ति कीमतें काफी हद तक जस की तस रही हैं। 2017 की जनवरी-मार्च तिमाही में 5,480 रुपये प्रति वर्ग फीट के मुकाबले 2019 की समान अवधि तक यह 2% से भी कम बढ़ोतरी के साथ 5,570 रुपये प्रति वर्ग फीट तक पहुँची हैं। शीर्ष 7 शहरों में पिछले दो वर्षों के दौरान कुल अनबिके मकानों की संख्या में 16% की गिरावट आयी है। इनमें बेंगलुरु में सर्वाधिक 44% की गिरावट आयी, जहाँ 2017 की पहली तिमाही में 1,18,700 इकाइयों के मुकाबले यह संख्या 2019 की समान तिमाही में 66,820 इकाई रह गयी। वहीं इस सूची में समान अवधि में 21% की गिरावट के साथ हैदराबाद दूसरे पायदान पर है। बेंगलुरू और हैदराबाद दोनों में मौजूदा इन्वेंटरी स्तर 15 महीनों के सर्वकालिक निचले स्तर पर है।
इसके अलावा प्रमुख रियल एस्टेट बाजार मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) को काफी पीछे छोड़ते हुए दिल्ली-एनसीआर में अनबिके घरों की संख्या में 18% की जोरदार गिरावट आयी। वहीं एमएमआर में अनबिके घरों की संख्या केवल 4% घटी। संक्षेप में एनसीआर में अनबिके घरों की इन्वेंटरी 2017 की जनवरी-मार्च तिमाही में 90 महीनों से घट कर 2019 की समान अवधि में घट कर 45 महीने यानी आधी रह गयी।
इन्वेंटरी के मामले में पुणे में अनबिके घरों की इन्वेंटरी 28 महीनों, चेन्नई की 30 महीनों और एमएमआर तथा कोलकाता दोनों में 35 महीनों के निचले स्तर पर है।
हालाँकि मुख्य 7 शहरों में अनबिके मकानों की मौजूदा संख्या 6.65 लाख इकाई है, जो 2013 में 4.96 लाख इकाइयों के निचले स्तर के आस-पास भी नहीं है। हालाँकि 2014 के बाद से अनबिके घरों की बढ़ती संख्या को लेकर बनी चिंताजनक प्रवृत्ति पर प्रभावी ढंग से रोक लगी है। यह प्राप्त आँकड़ों से साफ स्पष्ट भी होता है कि 2017 की पहली तिमाही के बाद अनबिके घरों की संख्या में तिमाही दर तिमाही आधार पर गिरावट आयी है। आनी वाली तिमाहियों में केंद्र में एक स्थिर सरकार से खरीदारों का आत्मविश्वास बढ़ेगा और घरों की बिक्री में तेजी आयेगी।
एनारॉक का ताजा कंज्यूमर सेंटीमेंट सर्वे इस बात की पुष्टि करता है कि 60% से अधिक संभावित खरीदारों की 2019 में संपत्ति खरीदने की योजना है। अनुकूल संपत्ति कीमतों के अलावा जीएसटी की दरों में कटौती और पहली बार कई रियायतें तथा किफायती घर खरीदारों ने बिक्री में तेजी लाने में अहम भूमिका निभायी है। (शेयर मंथन, 29 मई 2019)

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