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बाजार में बनेंगे नये शिखर या है टूटने की बारी?

राजीव रंजन झा : कल मैंने बिल्कुल छोटी अवधि के नजरिये से लिखा था कि मुहुर्त कारोबार से अब तक निफ्टी एक गिरती पट्टी (फॉलिंग चैनल) के अंदर अटक गया है।
लेकिन अगर मध्यम अवधि के नजरिये से देखें तो निफ्टी के चार्ट पर एक बड़ी खतरनाक संभावना बनती दिख रही है, जो एक फैलते त्रिभुज (एक्सपैंडिंग ट्राइऐंगल) का नतीजा है। मगर साथ ही लंबी अवधि के मूविंग एवरेज कुछ अलग कहानी बयान कर रहे हैं। जिन लोगों की रुचि मध्यम से लंबी अवधि में बाजार की चाल को समझने में है, उन्हें इन दोनों पहलुओं पर खास ध्यान देना चाहिए।
पहले फैलते त्रिभुज की बात। अगर इस साल की शुरुआत से अब तक निफ्टी की चाल देखें तो हमें एक ओर ऊपरी शिखर बनते दिखे - पहले जनवरी में 6112, फिर मई में 6229 और अभी हाल में नवंबर में 6343 पर। वहीं नीचे की ओर पहले 5477 पर तलहटी बनी और उसके बाद अगस्त में 5119 पर एक निचली तलहटी बनी। इस तरह ऊपरी शिखरों और निचली तलहटियों से एक फैलता त्रिभुज बनता है, जो बाजार के लिए खतरनाक हो सकता है।
अगर निफ्टी आगे इसी संरचना के हिसाब से एक नयी निचली तलहटी बनाने के लिए चल पड़ा तो यह तलहटी 4800-4600 के आसपास कहीं बन सकती है। यह नकारात्मक संरचना कटे, इसके लिए जरूरी है कि निफ्टी ऊपरी शिखरों को मिलाती रेखा से पार कर जाये। मोटे तौर पर पिछले रिकॉर्ड स्तर 6357 के ऊपर जाने पर ऐसा होगा। वहीं हाल की तलहटी 5972 पार होना अच्छा संकेत नहीं होगा, जबकि एक अक्टूबर को बनी तलहटी 5701 के नीचे जाने पर बड़ी गिरावट की आशंकाएँ बढ़ जायेंगी। वैसी हालत में अगर यह 4800-4600 तक न भी जाये तो करीब 5500 के करीब तक फिसलने की काफी संभावना बन जायेगी।
लेकिन अब दूसरी बात, जो बाजार के लिए काफी सकारात्मक है। नवंबर 2013 की शुरुआत में ही निफ्टी का 50 दिनों का सिंपल मूविंग एवरेज (एसएमए) इसके 200 एसएमए को नीचे से काटते हुए ऊपर आ गया है। इस तरह 50 एसएमए और 200 एसएमए का सकारात्मक कटान हो चुका है, जिसे गोल्डेन क्रॉसओवर भी कहा जाता है।
ऐसा गोल्डेन क्रॉस आम तौर पर बाजार में मध्यम से लंबी अवधि की तेजी का संकेत बनता है। अगर साल 2003 से अब तक निफ्टी का चार्ट ही देख लें तो आपको यह बात बड़ी आसानी से दिख जायेगी। साल 2003 में 50 और 200 एसएमए के ऐसे ही सकारात्मक कटान से निफ्टी करीब 1000 से चढ़ कर 2000 पार कर गया।
साल 2004 में कुछ समय के लिए इसका 50 एसएमए पलट कर 200 एसएमए के नीचे आ गया और इस दौरान निफ्टी में गिरावट भी आयी। मगर इसके बाद जब 50 एसएमए दोबारा 200 एसएमए के ऊपर निकला तो इससे बनी तेज चाल साल 2008 तक जारी रही और इसी दौरान निफ्टी 6357 के रिकॉर्ड तक पहुँचा। साल 2008 की बड़ी गिरावट के बाद जब 2009 में बाजार ने तेजी से खुद को सँभाला तो उस समय भी ऐसा ही गोल्डेन क्रॉस बना था।
लेकिन इस समय निफ्टी पर जो स्वर्णिम सकारात्मक कटान बना है, उसके कारगर होने के लिए जरूरी है कि निफ्टी 6357 के रिकॉर्ड स्तर को पार करके आगे की चाल पकड़ सके। मगर ऐसा करने के बदले नवंबर में निफ्टी ने 50 एसएमए को कई बार काटा है और इसके आसपास ही लिपट कर चलता रहा है। अगर यह 50 एसएमए से नीचे फिसल गया तो लौट कर 200 एसएमए की ओर जा सकता है, जो अभी 5865 पर है। अगर निफ्टी आगे चल कर 200 एसएमए से भी नीचे आ जाये तो गोल्डेन क्रॉस से बनती सुनहरी उम्मीदें ध्वस्त हो जायेंगी। लेकिन जब तक निफ्टी 50 और 200 एसएमए के ऊपर चलता रहे, तब तक इस उम्मीद को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
अब सवाल यह है कि एक तरफ फैलते त्रिभुज की बेहद नकारात्मक संभावना और दूसरी तरफ गोल्डेन क्रॉस से बनी बेहद सकारात्मक संभावना के बीच बाजार वास्तव में करेगा क्या? अगर आपको पता हो कि भारत का अगला प्रधानमंत्री कौन बनेगा और भारतीय अर्थव्यवस्था कब दोबारा 7% की विकास दर को छू सकेगी तो आप इस सवाल का जवाब दे सकते हैं। Rajeev Ranjan Jha 
(शेयर मंथन, 28 नवंबर 2013)

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