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अब जापानी मंदी के डर से सिहरे विश्व बाजार

सोमवार को अमेरिकी बाजारों में छुट्टी रही, लेकिन विश्व के बाकी प्रमुख बाजारों में जापान की गहराती मंदी ने कुछ डर पैदा किया। कल प्रमुख यूरोपीय बाजार 1% से ज्यादा कमजोर रहे। आज सुबह एशियाई बाजारों में गिरावट का ही रुख है।

अंतरिम बजट ने अगली सरकार के लिए दिशा तय की: फिक्की

Harshpati Singhania, FICCIअंतरिम बजट ने भले ही उद्योग जगत और शेयर बाजार को कोई नयी राहत नहीं दी हो, लेकिन उद्योग संगठन फिक्की ने इसमें भविष्य के संकेत देख कर ही संतोष कर लिया है। फिक्की के अध्यक्ष हर्षपति सिंघानिया ने अंतरिम बजट के बारे में कहा है कि इस अंतरिम बजट ने अगली सरकार के लिए दिशा तय कर दी है और एक साफ संकेत दिया है कि आम चुनाव के बाद के महीनों में कौन-से उठाने की जरूरत होगी। सिंघानिया ने कहा है कि इस अंतरिम बजट ने देश की विकास दर को फिर से तेज करने पर जोर दिया है।

एशियाई शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद

सोमवार को प्रमुख एशियाई शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुए हैं। आज के कारोबार में जापान के निक्केई सूचकांक में 0.38% की कमजोरी आयी, जबकि ताइवान के ताइवान वेटेड सूचकांक में 0.03% की गिरावट दर्ज की गयी। हैंग सेंग में 0.73% और स्ट्रेट्स टाइम्स में 1.31% की कमजोरी रही। आज के कारोबार में शंघाई कंपोजिट में 2.96% की मजबूती आयी। वहीं इंडोनेशिया के जकार्ता कंपोजिट में भी मामूली बढ़त दर्ज की गयी।

सेंसेक्स 330 अंक गिरा, निफ्टी 100 अंक नीचे

कारोबारी हफ्ते के पहले दिन भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। बीएसई सेंसेक्स 330 अंकों की गिरावट के साथ 9,305 पर रहा। एनएसई निफ्टी 100 अंकों की कमजोरी के साथ 2,848 पर बंद हुआ। कमजोर वैश्विक संकेतों के मद्देनजर आज भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ खुले। सोमवार को पेश किये गये अंतरिम बजट 2009-10 ने बाजार को उत्साह प्रदान नहीं किया। अंतरिम बजट में उद्योगों के लिए किसी बड़ी राहत योजना का ऐलान नहीं किया गया है। दोपहर बाद शेयर बाजार में गिरावट बढ़ गयी। आज बीएसई सेंसेक्स में 3.42% की कमजोरी के साथ बंद हुआ। 

अंतरिम वित्त मंत्री का अंतरिम बजट: गुल टेकचंदानी

gul teckchandaniनिवेश सलाहकार गुल टेकचंदानी का कहना है कि यह अंतरिम वित्त मंत्री का अंतरिम बजट है। हालाँकि उनका यह भी मानना है कि प्रणव मुखर्जी ने अंतरिम बजट के लिए एक उचित तरीके का पालन किया है। उनके मुताबिक बजट में कोई बड़ी घोषणा नहीं होने से पैदा हुई निराशा ज्यादा लंबी नहीं चलेगी, क्योंकि आखिरकार इस अंतरिम बजट ने यथास्थिति को बनाये रखा है। लेकिन इस अंतरिम बजट में पूर्ण बजट के लिए कई ऐसे संकेत रखे गये हैं, जिन्हें सकारात्मक माना जा सकता है। खास कर यह कहा गया है कि विकास दर को बनाये रखने के लिए करों में कमी करनी होगी। चुनाव के बाद नये वित्त मंत्री के लिए इस सलाह को नजरअंदाज करना मुश्किल होगा।

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