संसद में गतिरोध पर चिंता
के.के. मित्तल, वीपी, वीनस इंडिया एसेट फाइनेंस
निजी क्षेत्र के निवेश में वृद्धि, नीतिगत सुधार, राष्ट्र निर्माण में राजनीतिक दलों की रचनात्मक हिस्सेदारी और जीएसटी, ये सभी अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले कारक होंगे।