ओला इलेक्ट्रिक पर चर्चा करते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि कंपनी के सामने सबसे बड़ी चुनौती गुणवत्ता और सेवा की है। जब तक कंपनी अपने उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार नहीं करती, तब तक निवेशकों के लिए भरोसे के साथ इसमें पैसा लगाना मुश्किल है। जानें बाजार विश्लेषक से ओला के शेयरों का हाल.
बाजार विश्लेषक शोमेश कुमार का कहना है कि अभी ओला का चार्ट लगभग एक साल पुराना है, जिसका मतलब है कि शुरुआती निवेशक और फंड्स फँसे हुए हैं और हर उछाल पर निकासी का प्रयास करेंगे। इस वजह से वॉल्यूम भले ही ऊँचे दिखें, लेकिन वे संस्थागत बिकवाली और एग्ज़िट का संकेत भी हो सकते हैं।
ओला के संदर्भ में यह भी कहा जा रहा है कि यदि कैश फ़्लो पॉज़िटिव होता है तो कंपनी के पास बेहतर भविष्य की संभावना रहेगी। लेकिन जब तक यह नहीं होता, निवेशकों के लिए इसमें जोखिम अधिक है। वहीं, पेटीएम का मामला अलग है। पेटीएम ने कठिन दौर देखा जब उसका पेमेंट बैंक बंद कर दिया गया था, लेकिन उसके बाद बिज़नेस मॉडल को पुनः स्थापित किया गया। अब कंपनी ऑपरेशनल रूप से सकारात्मक होती दिख रही है और उसके कैश फ़्लो में सुधार की उम्मीद है।
(शेयर मंथन, 21 अगस्त 2025)
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