फाइबोनैचि रिट्रेसमेंट स्तर क्या हैं, और वे आपको क्या बताते हैं?
नीरज : एफआईबी रिट्रेसमेंट इंडिकेटर के लिए चार्ट में कौन सा टाइमफ्रेम लगाना चाहिए?
नीरज : एफआईबी रिट्रेसमेंट इंडिकेटर के लिए चार्ट में कौन सा टाइमफ्रेम लगाना चाहिए?
Expert Shomesh Kumar: इस सूचकांक में राउंडिंग टॉप जैसा ढाँचा बन रहा है और इसमें 50 डीएमए और 100 डीएमए दोनों स्तर बेहद अहम होते हैं। इसमें 47950 के स्तर पर जो लो बना था, वो बेहद अहम है। इस सूचकांक में अगर ये स्तर टूटा तो 200 डीएमए तक के स्तर जल्दी देखने को मिल सकते हैं।
Expert Shomesh Kumar: स्मॉलकैप इंडेक्स अभी मिडकैप इंडेक्स से थोड़ा ज्यादा संवेदनशील लग रहा है। इस सूचकांक की स्थिति ज्यादा गंभीर है। इसमें आपको 15200 के स्तर का ध्यान रखना चाहिए। इस स्तर के नीचे जाने पर इसमें ब्रेकडाउन हो सकता है और 13500 के स्तर तक गिरावट आ सकती है।
विपुल पटेल : तमिलनाडु न्यूजप्रिंट 240 रुपये के भाव पर खरीदा है। इसमें और जोड़ना कैसा रहेगा?
Expert Ambareesh Baliga: भारतीय शेयर बाजार मौजूदा समय में 23,000 से 22,000 के स्तर के बीच झूल रहा है। मोटेतौर पर असमंजस की स्थिति नजर आ रही है। आये दिन इसका रुझान बदल जा रहा है। मेरा मानना है कि बाजार काफी चल चुका है और इस दौरान कोई खास करेक्शन देखने को नहीं मिला है।
Expert Shomesh Kumar: दोजी का मतलब होता है असमंजस, अर्थात बाजार ये नहीं समझ पा रहा है कि यहाँ से उसे करना क्या है। काफी गिरने के बाद डोजी कैंडल बना तो आप यह समझें की उस डोजी कैंडल का अगर निचला स्तर है उस स्तर के नीचे जब तक बाजार बंद नहीं होता है, वहाँ से रिवर्सल यानी वापसी होने की संभावना बहुत ज्यादा रहती है।
अभिषेक झा : महिंद्रा ऐंड महिंद्रा पर आपका क्या नजरिया है?
प्रीति जिंदल : आरईसी पर छोटी अवधि के लिए आपकी क्या सलाह है?
विवेक सिंह : जोमैटो में नये निवेश के लिए आपकी क्या सलाह है?
सुमित झा : वन 97 कम्यूनिकेशंस पर आपका क्या नजरिया रहेगा?
निप्पॉन इंडिया निफ्टी 50 वैल्यू 20 इंडेक्स फंड एक ऐसा पैसिव फंड है, जो निफ्टी 50 में शामिल देश की 50 सबसे दिग्गज कंपनियों के बीच में से उचित मूल्य या वैल्यू की खोज करता है और वैसी चुनी हुई 20 कंपनियों में निवेश करता है।
आर के साहू, भोपाल : मेरे पास डॉ लाल पैथलैब्स के 200 शेयर 2260 रुपये के भाव पर दो साल से होल्ड हैं। कंपनी का भविष्य कर नजरिया कैसा है?
Expert Shomesh Kumar: कारोबार जगत जब भी अधिग्रहण होता है, तो खरीदी हुई कंपनी को अपने कारोबार के साथ समाहित करने की एक समयावधि होती है। इसके अलावा इसमें पहले पैसा अपने पास से जाता है। उसके बाद अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होती है और फिर कंपनी नयी रूपरेखा के साथ काम शुरू करती है। इसमें समय लगता है।
Expert Shomesh Kumar: मुझे लगता है कि कोल इंडिया के नतीजों को किसी भी नजरिये से खराब कहा जा सकता है। इसमें लगातार वृद्धि के बाद सपाट बिक्री देखने को मिल रही है। मुनाफे की दर पर बहुत असर नहीं दिखाई दे रहा है। ये जरूर कह सकते हैं कि नतीजे अनुमान के अनुरूप नहीं हैं।
संदीप पंचारिया : जिया फाइनेंशियल सर्विसेज, बीएचईएल, वेदांता, बीईएल में लंबी अवधि के लिहाज से दो लाख रुपये तक के निवेश के नयी खरीद के लिए सबसे अच्छा स्तर कौन सा रहेगा?
साईं गेमिंग : आरती ड्रग्स पर आपकी क्या राय है?