मौद्रिक नीति (Monetary Policy) और कमजोर मानसून (Monsoon) की भविष्यवाणी के चलते मंगलवार को शेयर बाजार में आयी भारी गिरावट के बाद बुधवार को भी सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) में कमजोरी का सिलसिला जारी रहा।
बुधवार को सेंसेक्स 351 अंक या 1.29% नीचे 26,837 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 101 अंक या 1.23% गिरावट के साथ 8,135 पर बंद हुआ। मंगलवार की 661 अंकों की जोरदार गिरावट को मिला कर इन दो दिनों में सेंसेक्स 1012 अंक टूट चुका है।
छोटे-मँझोले शेयरों में भी कमजोरी नजर आयी। बीएसई मिडकैप में 1.38% और बीएसई स्मॉलकैप में 1.98% की गिरावट आयी। वहीं एनएसई में सीएनएक्स मिडकैप 1.52% नीचे आया, जबकि सीएनएक्स स्मॉलकैप 3.20% टूट गया।
क्षेत्रवार देखें तो बाजार में चौतरफा बिकवाली रही, जिसकी मार से कुछ हद तक बीएसई आईटी और टीईसीके सूचकांक ही बच पाये। रियल्टी सूचकांक पर सबसे तीखी मार पड़ी, जो 5.54% लुढ़क गया। एफएमसीजी में 3.45%, पावर में 2.22%, तेल-गैस में 2.05%, कंज्यूमर ड्यूरेबल में 1.70%, कैपिटल गुड्स में 1.52% और हेल्थकेयर में 1.47% गिरावट आयी।
सेंसेक्स के दिग्गज शेयरों में सबसे ज्यादा 6.13% गिरावट आयी। आईटीसी को 4.59%, ओएनजीसी को 3.81%, वेदांत को 3.67%, गेल को 3.44% और एसबीआई को 3.27% की चपत लगी। गिरावट की मार से बच कर सेंसेक्स के गिने-चुने शेयर ही बढ़त दर्ज कर सके और उनकी बढ़त भी हल्की रही। कोल इंडिया में 0.81%, भारती एयरटेल में 0.79%, इन्फोसिस में 0.71% और टीसीएस में 0.40% की वृद्धि हुई। (शेयर मंथन, 03 जून 2015)
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