एसएमसी ग्लोबल ने टाटा केमिकल्स (Tata Chemicals) के शेयर के लिए 8-10 महीने की अवधि में 659 रुपये का लक्ष्य भाव दिया है।
यह लक्ष्य भाव कंपनी के मौजूदा शेयर भाव से 22% ज्यादा है। एसएमसी का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2016-17 में टाटा केमिकल्स की प्रति शेयर आय (EPS) 39.55 रुपये होगी, जिस पर 16.66 के पीई अनुपात के मूल्यांकन पर इसने 659 रुपये का लक्ष्य भाव तय किया है।
टाटा केमिकल्स में निवेश के लिए एसएमसी ने तर्क दिया है कि यह एक क्रियाशील, उद्योग और कृषि अत्यावश्यक वस्तुओं का कारोबर करने वाली एक वैश्विक कंपनी है। सूपरब्रैंड्स ने टाटा केमिकल्स को भारत में सभी उद्योगों के बीच व्यापार और उपभोक्ता वर्ग में 10 मुख्य कंपनियों में से एक प्रमाणित किया है। हाल ही में कंपनी ने खुद को ऊर्वरक उत्पाद बनाने वाली कंपनी के बजाये उपभोक्ता उत्पाद बनाने वाली कंपनी के रूप में स्थापित करने के लिए उत्तर प्रदेश के बबराला में स्थित अपने यूरिया संयंत्र को नॉर्वे आधारित यारा इंटरनेशनल एएसए की भारतीय इकाई को 2,670 करोड़ रुपये में बेच दिया। टाटा केमिकल्स अपने उत्पादों पारस, टीकेएस और दक्ष पर अधिकार जारी रखेगी। कंपनी का यूरिया व्यापार से बाहर निकलना कंपनी के लिए वॉल्यूम अनलॉक करने के अलावा इसकी बैलेंस शीट को मजबूत करेगा और अपनी रणनीति के अनुसार विकास को आगे बढ़ायेगा।
एसएमसी ने अपनी रिपोर्ट में जिक्र किया है कि भारतीय रसायन व्यापार के लिए कम लागत के साथ सभी अंतरराष्ट्रीय भौगोलिक क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन से अप्रैल-जून 2016 की तिमाही के दौरान परिचालन लाभ 33% की बढ़त के साथ 279.65 करोड़ रुपये रहा और अब कंपनी की रणनीति अकार्बनिक रसायन कारोबार में नेतृत्व बनाए रखने, अपनी सहायक कंपनियों रैलिस और मेटाहेलिक्स द्वारा अपना खेती व्यापार पर ध्यान देने और अपने उपभोक्ता व्यापार का निर्माण करने की है। इस बीच कंपनी ने नैनो और जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में 20 से अधिक परियोजनाओं पर काम करने वाले विश्व स्तरीय अनुसंधान एवं विकास संयंत्र टाटा केमिकल्स इनोवेशन सेंटर की भी स्थापना की है। (शेयर मंथन, 08 अक्तूबर 2016)
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