रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) ने आज भारत के पूर्वी तट पर कावेरी बेसिन में गैस खोज (Gas Discovery) की घोषणा की है।
यह खोज गहरे समुद्र में सीवाई-डीडब्लूएन 2001/2 ब्लॉक में हुई है, जिसमें रिलायंस की 70% और ब्रिटेन की कंपनी बीपी की 30% हिस्सेदारी है। इस ब्लॉक में यह रिलायंस की दूसरी गैस खोज है। कंपनी के मुताबिक इस ब्लॉक में कुएँ के खनन का कार्य अगस्त में पूरा हुआ। यह खनन 1743 मीटर गहरे समुद्रतल में कुल 5731 मीटर की गहराई तक हुआ।
इस कुएँ में गैस भंडार के 8000 पीएसआई आरंभिक दबाव पर 35.2 मिलियन स्टैंडर्ड क्युबिक फीट प्रति दिन गैस और 413 बैरल प्रति दिन की दर से कंडेंसेट निकला। इस गैस खोज को भारत सरकार और हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (DGH) ने अधिसूचित कर दिया है। कंपनी के एक प्रवक्ता ने शेयर मंथन से बातचीत में तकनीकी पहलुओं पर ज्यादा बात न करते हुए केवल इतना कहा कि यह एक बड़ी खोज है।
ऊर्जा विश्लेषक नरेंद्र तनेजा मानते हैं कि इस खोज को महत्वपूर्ण कहा जा सकता है। इस ब्लॉक में दूसरी खोज होने के चलते यह जान पड़ता है कि इस ब्लॉक में अच्छी संभावनाएँ हैं। लेकिन इस खोज का असर व्यावसायिक उत्पादन पर दिखने में समय लगेगा। तनेजा के मुताबिक वास्तविक समय तो कंपनी के प्रयासों की तीव्रता पर निर्भर करता है, लेकिन मोटे तौर पर इसमें 14 महीनों का समय लग सकता है। तनेजा का यह भी मानना है कि रिलायंस की बीपी के साथ साझेदारी का फायदा अब दिखने लगा है। उनके मुताबिक मानसून खत्म होने के कुछ महीनों बाद यानी साल के अंत तक कंपनी ऐसी और भी घोषणाएँ कर सकती है।
आज सुबह के कारोबार में रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर हल्की बढ़त के साथ चल रहा है और ऐसा नहीं लगता कि इस घोषणा के चलते रिलायंस के प्रति बाजार में अलग से कोई खास उत्साह जगा है। सुबह करीब सवा दस बजे बीएसई में इसका शेयर भाव 5.25 रुपये या 0.65% की बढ़त के साथ 811.10 रुपये पर है। (शेयर मंथन, 23 अगस्त 2013)
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