फरवरी में यात्री गाड़ियों की खुदरा बिक्री में 7.8 फीसदी की गिरावट आई है।
FADA यानी फेडरेशन ऑफ इंडियन ऑटमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन की ओर से फरवरी महीने के लिए जारी आंकड़ों के मुताबिक यात्री गाड़ियों की खुदरा बिक्री 7.8 फीसदी गिरकर 2.38 लाख इकाई दर्ज की गई। पिछले साल इसी महीने में 2.58 लाख इकाई गाड़ियों की बिक्री हुई थी।
हालाँकि व्यावसायिक गाड़ियों की खुदरा बिक्री 7.4 फीसदी बढ़ी है। फरवरी में व्यावसायिक गाड़ियों की बिक्री 59,395 इकाई से बढ़कर 63,797 इकाई दर्ज की गई (YoY)। वहीं फरवरी में दोपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री 10.7 फीसदी घटी है। पिछले साल फरवरी में 11 लाख दोपहिए वाहनों की बिक्री हुई थी जबकि 2022 के फरवरी में केवल 9.83 लाख इकाई गाड़ियां ही बिक पाई हैं। ग्रामीण इलाकों में कीमतों में बढ़ोतरी से इस सेगमेंट में गाड़ियों की बिक्री में कमी आई है। तिपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री में 16.6 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। फरवरी में ट्रैक्टर की खुदरा बिक्री में 18.9 फीसदी घटी। फरवरी में ट्रैक्टर बिक्री 62,004 इकाई से घटकर 50,304 इकाई दर्ज की गई (YoY)। FADA के मुताबिक रूस-यूक्रेन संकट के कारण चिप की कमी से गाड़ियों की बिक्री पर दबाव देखने को मिला।
FADA यानी फेडरेशन ऑफ इंडियन ऑटमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट विंकेश गुलाटी के मुताबिक यात्री गाड़ियों के सेगमेंट में कुछ नए मॉडल के आने और बेहतर उत्पादन से थोड़ी राहत मिली लेकिन यह ग्राहकों की ओर से आ रही मांग को पूरा करने के लिए काफी नहीं है। गाड़ियों का वेटिंग पीरियड पिछले कुछ महीनों जैसा ही बना हुआ है।
FADA के मुताबिक रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध से सेमीकंडक्टर के उत्पादन पर और असर पड़ सकता है। आपको बता दें कि रूस रेयर अर्थ मेटल पैलेडियम के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है जिसका इस्तेमाल सेमीकंडक्टर बनाने में होता है। इसके साथ ही यूक्रेन नियॉन गैस के सबसे बड़े उत्पादकों और निर्यातकों में से एक है जिसका इस्तेमाल सेमीकंडक्टर बनाने में होता है। फरवरी महीने में ऑटो की कुल बिक्री 9.21 फीसदी गिरकर 15.1 लाख इकाई से घटकर 13.7 लाख इकाई रही है।
विंकेश गुलाटी के मुताबिक कच्चे तेल की कीमत 120 डॉलर के करीब पहुंच गई है, ऐसे में सरकार पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत लंबे समय तक बिना बढ़ाए नहीं रख सकती है। ऐसे में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत बढ़ने से दोपहिया वाहनों की बिक्री पर नकारात्मक असर पड़ेगा। (शेयर मंथन, 05 मार्च 2022)
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